SGPGI के डॉक्टरों ने रोबोट की मदद से गले में पहुंचकर निकाला Thyroid gland

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देश में पहली बार मुंह के रास्ते गले में पहुंच कर असामान्य थायराइड ग्रंथि को रोबोटिक सर्जरी के जरिए निकालने में कामयाबी संजय गाधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के इंडो सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों ने हासिल की है। यह रोबोट के जरिए थायराइड की मुंह की जरिए देश की पहली सर्जरी है।

इसे डॉक्टरी भाषा में ट्रांस ओरल थायरडक्टमी कहते है। इंडो सर्जरी विभाग प्रमुख एनं इंडो सर्जन प्रो. अमित अग्रवाल और उनके सहयोगी साथियों के साथ यह उपलब्धि हासिल की है। इस सर्जरी की सबसे बड़ी खासियत है कि गले पर कोई निशान नहीं पड़ता है। गले पर निशान खास तौर पर लड़कियों के लिए सुंदरता को खराब करता है। इस तकनीक से सर्जरी होने पर उनके सुंदरता पर कोई दाग नहीं लगेगा। प्रो. अमित अग्रवाल कहते है कि पारंपरिक ओपन थायरॉइड सर्जरी गर्दन में एक निशान पड़ता है जिसे युवा महिलाओं, लड़कियों और लड़कों को खराब लगता है। रोबोटिक सर्जरी सौंदर्य और कॉस्मेटिक सर्जरी प्रदान करती है और गर्दन में कोई निशान नहीं पड़ता है। ट्रांस ओरल विधि में मुंह के माध्यम से ग्रंथि तक पहुंचना और निकालना शामिल है इसलिए शरीर में कोई निशान नहीं है। यह एक निशान रहित सर्जरी है। थायराइड ग्रंथि का सर्जरी 35 वर्षीय मरीज पर किया गया था, जो गर्दन में निशान नहीं चाहता था।

टीम में प्रो. अमित अग्रवाल डॉ. एस. डब्बास, डॉ. विक्रम, डॉ. युवराज देवगन एनेस्थीसिया डॉ. कपिल, डॉ संचित और डॉ अभिषेक के साथ प्रो सुजीत कुमार शामिल रहे।