SEBI ने बदले शेयरों के लिए सेटलमेंट साइकिल नियम, जानिए क्या है इसमें खास और कितना होगा ट्रेडिंग पर असर

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मार्केट रेगुलेटर सेबी ने 7 सितंबर को T+1 (ट्रेड+1 दिन) सेटलमेंट साइकिल पेश किया है। यह सेटलमेंट प्लान शेयरों के लिए है और ऑप्शनल है। अगर ट्रेडर्स चाहें तो इसे चुन सकते हैं। नया नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होगा।

सेबी के पास ऐसे तमाम निवेदन आ रहे थे जिसमें सेटलमेंट साइकिल छोटा करने की मांग हो रही थी। सेबी का नया नियम इसी को आधार बनाकर तैयार किया गया है।

सेबी ने एक सर्कुलर जारी करके बताया है, “मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस मसलन स्टॉक एक्सचेंज, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटर्स के साथ बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया है कि स्टॉक एक्सचेंज के पास यह सुविधा होगी कि वह T+1 या T+2 सेटलमेंट साइकिल में से कोई भी ऑफर करे। “

सेबी के नए सर्कुलर के मुताबिक, कोई भी स्टॉक एक्सचेंज सभी शेयरधारकों के लिए किसी भी शेयर के लिए T+1 सेटलमेंट साइकिल चुन सकता है। हालांकि सेटलमेंट साइकिल बदलने के लिए कम से कम एक महीना पहले नोटिस देना होगा।

सेबी ने यह भी कहा है कि स्टॉक एक्सचेंज किसी भी शेयर के लिए अगर एकबार T+1 सेटलमेंट साइकल चुन लेगा उसे कम से कम 6 महीने तक जारी रखना होगा। अगर स्टॉक एक्सचेंज बीच में T+2 सेटलमेंट साइकिल चुनना चाहता है तो उसे एक महीना पहले नोटिस देना होगा।

हालांकि सेबी ने यह साफ कर दिया है कि T+1 और T+2 में कोई फर्क नहीं किया जाएगा। यह स्टॉक एक्सचेंज पर होने वाले सभी तरह के ट्रांजैक्शन पर लागू होगा। 

अगस्त 2021  की शुरुआत में सेबी ने एक्सपर्ट्स का एक पैनल बनाया था जिसमें मौजूदा T+2 साइकिल की जगह T+1 साइकल लागू करने की प्रक्रिया की मुश्किलों पर रिपोर्ट पेश करनी थी।

फिलहाल देश में अप्रैल 2003 से T+2 सेटलमेंट साइकिल चल रहा है। उससे पहले देश में T+3 सेटलमेंट साइकिल चल रहा था।