सऊदी अरब के कई शहरों पर हमला – हूती विद्रोहियों ने बम से लदे 14 ड्रोन का किया इस्तेमाल, तेल रिफाइनरी सहित एयरपोर्ट बने निशाना

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यमन के हूती विद्रोहियों की सऊदी अरब के साथ बढ़ती दुश्मनी इस देश को भारी नुकसान पहुंचा रही है. विद्रोहियों ने दावा किया है कि उन्होंने अपने ड्रोन से सऊदी के कई शहरों पर हमला किया है. जिन स्थानों पर हमला हुआ, उनमें अरामको रिफाइनरी, जेद्दाह में स्थित किंग अब्दुल्लाह एयरपोर्ट और अबहा एयरपोर्ट शामिल हैं (Houthi Attack Saudi). हूती शस्त्र बलों के प्रवक्ता याहया सरी ने एक बयान में कहा, हमले के लिए कुल 14 ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया है.

प्रवक्ता ने बताया कि तेल रिफाइनरियों पर बम से लदे ड्रोन से हमला किया गया है. इसके साथ ही अबहा, जिजैन और नजरान शहरों में भी हमला किया गया है. इन हमलों से हुए कुल नुकसान पर सरी ने कुछ नहीं कहा है (Houthi Attack on Saudi Arabia’s Abha Airport). हूती प्रवक्ता ने बताया कि सऊदी अरब के गठबंधन वाली सेना यमन में हूतियों पर हवाई हमले कर रही है, उन्हीं का जवाब देने के लिए उसके कई शहरों को निशाना बनाया गया. मामले में सऊदी अरामको, सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्रालय और सूचना मंत्रालय ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

गठबंधन सेना ने सैन्य ठिकाने नष्ट किए
दूसरी तरफ सऊदी अरब के गठबंधन वाली सेना ने कहा है कि उसने सना, मारिब और सादा (यमन के शहर) में हूती विद्रोहियों के 13 सैन्य ठिकानों को नष्ट कर दिया है (Houthi Attack on Saudi Arabia). इनमें ड्रोन के लिए इस्तेमाल होने वाले हथियार डिपो, साथ ही वायु रक्षा प्रणाली और संचार प्रणाली शामिल हैं. रणनीतिक रूप से तेल समृद्ध मारिब प्रांत पर फिर से कब्जा करने के लिए हूती संगठन फरवरी से यहां हमले कर रहा है. उत्तरी यमन में मौजूद ये जगह संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सरकार का अंतिम मुख्य गढ़ है. चूंकी सऊदी यमन सरकार का साथ दे रहा है, इसलिए ईरान के समर्थन वाला हूती संगठन नियमित रूप से सऊदी अरब पर रॉकेट और ड्रोन से हमले करता है.

यमन में 2014 में शुरू हुआ था युद्ध
यमन पॉलिसी सेंटर के राइमन अल हमदानी ने बताया कि ‘अब कई रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं कि सऊदी अरब यमन के संघर्ष में अपना निवेश जारी नहीं रखना चाहता, बल्कि अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए अपने निवेश को आगे बढ़ाए.’ बता दें यमन में 2014 में हिंसा शुरू हुई थी (Yemen War). तब हूतियों ने सना सहित देश के अधिकांश हिस्सों पर कब्जा कर लिया था. संकट 2015 में तब बढ़ गया, जब सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने हूतियों के खिलाफ विनाशकारी हवाई अभियान शुरू किया. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस संघर्ष में 233,000 से अधिक लोग मारे गए हैं.