विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को विदेश नीति पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की कोशिशों के चलते पाकिस्तान वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) की ग्रे सूची में बरकरार है।
मोदी सरकार की विदेश नीति पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाजपा नेताओं को वर्चुअल संबोधन में जयशंकर ने कहा, पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने की कोशिश करते हुए यह सुनिश्चित किया गया कि आतंकवाद को एक वैश्विक मुद्दे के रूप में माना जाए। आतंकवाद को महज कुछ देशों की समस्या के रूप में ही न माना जाए।
भाजपा नेताओं से संवाद में विदेश मंत्री ने कहा, वैश्विक मंचों पर किए गए प्रयासों से ही जैश और लश्कर पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध
विदेश मंत्री ने विदेश नीति पर प्रशिक्षण कार्यक्रम में कहा, सरकार के वैश्विक मंचों पर किए गए प्रयासों की वजह से ही जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-ताइबा जैसे आतंकी संगठनों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाबंदी लगाई जा सकी। विदेश मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी ने जी-7 या जी-20 जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के माध्यम से आतंकवाद को वैश्विक चिंता का विषय बनाना सुनिश्चित किया।
एफएटीएफ आतंकवाद के लिए फंडिंग पर नजर रखता है और आतंकवाद का समर्थन करने वाले काले धन से निपटता है। हमारी वजह से पाकिस्तान एफएटीएफ के दायरे में है और उसे ग्रे लिस्ट में रखा गया है। हम पाकिस्तान पर दबाव बनाने में सफल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, जयशंकर का यह संवाद भाजपा सांसदों को सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाने वाले विपक्ष का मुकाबला करने में मदद मिलेगी।
दुनिया जानती है अब चीन के दबाव में नहीं आएगा भारत
जयशंकर ने कहा, जिन चुनौतियों का हमने सामना किया उनमें से दो उदाहरण चीन से जुड़ी हैं। एक दोकलम में था जहां चीन को वापस जाना पड़ा और दूसरा, जब चीनी सेना ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का उल्लंघन करने की कोशिश की। यह उस समय के आसपास हुआ जब हम कोरोना महामारी के प्रसार का सामना कर रहे थे।
इसके बावजूद हमने जमीनी स्तर पर उचित जवाब दिया और रक्षा मंत्रालय के साथ तालमेल बनाकर बातचीत भी की। उन्होंने कहा, अब दुनिया जानती है, भारत अब चीन के दबाव में नहीं आएगा। जयशंकर ने भाजपा नेताओं के साथ सरकार की नीति और उसकी उपलब्धियों के बारे में जानकारी देने के लिए बातचीत की।