Russia और Ukraine के बीच गर्मागर्मी हो सकती है ख़त्म, Russia ने अधिकारिक बयान में कहा “करना चाहते हैं बातचीत”

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Russian president Putin
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Russia और Ukraine के बीच तनाव बरकरार है और मॉस्को ने कुछ मांगें रखी हैं. इनके जरिए वह यूक्रेन संकट को कम करने के लिए पश्चिमी मुल्कों के साथ बातचीत करना चाहता है. इन मांगों में कुछ कानूनी रूप से बाध्यकारी गारंटी भी शामिल है, जैसे कि नाटो सैन्य गठबंधन (NATO) अपने पड़ोसी और अन्य पूर्व सोवियत मुल्कों में किसी भी गतिविधि को नहीं करेगा.

मॉस्को द्वारा की गई मांगे महत्वाकांक्षी और अवास्तविक लगती हैं. लेकिन रूस का कहना है कि यूक्रेन के साथ तनाव करने के लिए इन मांगों का पूरा होना बेहद जरूरी है. लिस्ट में ऐसे तत्व भी शामिल हैं, जैसे यूक्रेन के लिए नाटो सदस्यता पर रूस को वीटो करने की शक्ति देना. हालांकि, पश्चिमी मुल्कों ने इसे पहले ही खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि तनाव की वजह से ‘तीसरे विश्व युद्ध’ का खतरा पैदा हो गया है.

पहली बार मांगों को विस्तार से पेश करते हुए रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव (Sergei Ryabkov) ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि रूस और पश्चिम को संबंधों के पुनर्निर्माण में नए सिरे से शुरुआत करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा स्थिति को आक्रामक रूप से बढ़ाने के लिए हाल के सालों में अमेरिका और नाटो द्वारा अपनाई गई लाइन बिल्कुल अस्वीकार्य और बेहद खतरनाक है. अमेरिका और नाटो को हमारे देश के प्रति आक्रामक कार्रवाइयों को बंद करना चाहिए.’

सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि रूस मौजूदा स्थिति के साथ और अधिक रहने को तैयार नहीं है. उन्होंने अमेरिका से प्रस्तावों को गंभीरता से लेने को कहा है और उसे इस पर तुरंत फैसला करने का आग्रह किया है. रयाबकोव ने कहा कि रूस शनिवार से बातचीत शुरू करने के लिए तैयार है. इसके लिए जिनेवा एक संभावित जगह होगी और इसकी वार्ता टीम भी तैयार है. मॉस्को का कहना है कि वह यूक्रेन के नाटो के साथ संबंधों और गठबंधन में शामिल होने की आकांक्षाओं को अपनी सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखता है.