भारत में रोज 1000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन कर रही रिलायंस इंडस्ट्री, मुकेश अंबानी खुद करते हैं निगरानी

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देश में कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने में सरकार के अलावा निजी संस्थाओं का भी योगदान अहम माना जा रहा है। ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए टाटा, अडानी के बाद रिलायंस कंपनी भी आगे आई है। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने जामनगर रिफाइनरी से विभिन्न राज्यों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन यानी एलएमओ की सप्लाई तेज कर दी है।  जामनगर तेल रिफाइनरी में हर रोज 1000 MT से अधिक मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन कर रहा है। यहऑक्सीजन कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित राज्यों को मुफ्त में दी जा रही है। रिलायंस इंडस्ट्री लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी खुद ही पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं। रिफाइनरी में ऑक्सीजन उत्पादन से लेकर उसकी लोडिंग और सप्लाई पर मुकेश अंबानी नजर बनाए हुए हैं। 

11% मेडिकल ऑक्सीजन अकेले रिलायंस कर रहा उत्पादन
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने जामनगर रिफाइनरी के जरिए एलएमओ का उत्पादन 1000 मीट्रिक ट्रन बढ़ा दिया है। 1000 मीट्रिक टन ऑक्सीजन 1 लाख से अधिक लोगों की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता रखता है। रिलायंस आज भारत की करीब 11% मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन अकेले कर रहा है और हर दस में से 1 रोगी को ऑक्सीजन दी जा रही है। पिछले दिनों आरआईएल की ओर से एलएमओ का उत्पादन 700 मीट्रिक टन किया गया था। 

रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी में कच्चे तेल से डीजल, पेट्रोल, और जेट ईंधन जैसे उत्पाद बनाए जाते हैं, यहां मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पाद नहीं किया जाता था। लेकिन मौजूदा दौर में कोरोना बढ़ते मामलों से देश में ऑक्सीजन की भारी किल्लतह हो गई है। इसे देखते हुए रिलायंस ने अपने प्रोसेस में बदलाव कर मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया।  रिलायंस ने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन का उत्पादन शून्य से 1000 MT तक बढ़ा दिया है।  महामारी की शुरुआत से अब तक रिलायंस इंडस्ट्रही 55,000 मीट्रिक टन मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की फ्री सप्लाई कर चुका है। 

24 टैंकर्स किए गए एयरलिफ्ट
देश में ऑक्सीजन के लिए ट्रांसपोर्टिंग की समस्या को दूर करने के लिए रिलायंस ने 24 टैंकर्स को विदेश से एयरलिफ्ट भी किया है। इसमें जर्मनी, नीदरलैंड, बेल्जियम, सऊदी अरब और थाईलैंड से टैंकर्स एयरलिफ्ट किए गए हैं।