फिर से इंटरनेशनल कोर्ट पहुंचा रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप का मामला

197
Reliance-Big Bazar

आखिरकार एमेजॉन, फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच बातचीत नहीं बन पाई और रिलायंस-फ्यूचर ग्रुप के बीच 24713 करोड़ की डील पर फिर से ग्रहण लग गया. सुप्रीम कोर्ट में एमेजॉन और फ्यूचर ग्रुप के वकीलों ने कहा कि वे सिंगापुर स्थित इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन में इस मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाना चाहते हैं. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों पक्षों को 15 दिनों का समय दिया गया था कि वे इस मामले को आपस में बातचीत कर कोर्ट के बाहर सुलटा लें. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले की बुधवार को सुनवाई होगी. अपनी बात रखते हए एमेजॉन के वकीलों ने कहा कि रिलायंस ने फ्रॉड वाला काम किया है. पेपर में जारी पब्लिक नोटिस के जरिए एमेजॉन ने कहा कि अगर फ्यूचर रिटेल की संपत्ति को रिलायंस इंडस्ट्रीज को ट्रांसफर किया जाता है तो वह सिबिल और क्रिमिनल मुकदमा दर्ज करेगा.

उद्योगपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह (Reliance Industries)द्वारा कुछ दिन पहले फ्यूचर समूह के कुछ स्टोर्स पर कब्जा करने के बाद एमेजॉन डॉट कॉम इंक ने मंगलवार को दोनों कंपनियों पर ‘धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया और कहा कि इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. उल्लेखनीय है कि रिलायंस समूह ने फ्यूचर समूह के जिन स्टोर्स पर कब्जा लिया है उनके पट्टे किराए का भुगतान नहीं करने के कारण समाप्त हो गए थे. रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल वेंचर्स ने फ्यूचर ग्रुप के रिटेल और लॉजिस्टिक्स कारोबार का अधिग्रहण करने के लिए अगस्त, 2020 में 24,713 करोड़ रुपए के सौदे की सहमति दी थी, लेकिन फ्यूचर समूह के साझेदार एमेजॉन ने कुछ अनुबंधों के उल्लंघन का हवाला देकर अदालत का दरवाजा खटखटाया जिसके कारण यह सौदा पूरा नहीं हो पाया है.

रिलायंस ने फ्यूचर रिटेल के 947 स्टोर्स पर कब्जा किया
रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर रिटेल को दिए उन 947 स्टोर्स की सब-लीज (उप-पट्टे) समाप्त कर दी थी जिन्हें उसने पहले अपने अधिकार में लिया था. पिछले महीने रिलायंस रिटेल ने ऐसे स्टोर्स का कब्जा ले लिया था जिनका किराया फ्यूचर समूह नहीं चुका पा रहा था. ये स्टोर फ्यूचर समूह को परिचालन के लिए किराये पर दिए गए थे. एमेजॉन ने अखबारों में ‘सार्वजनिक नोटिस’ के नाम से एक विज्ञापन दिया है जिसमें कहा गया है कि इन गतिविधियों को भारत में धोखाधड़ी करके एक गुप्त तरीके से अंजाम दिया गया है.

फ्यूचर रिटेल के प्रमोटर ने कोर्ट में गलत बयानबाजी की
उसने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड और उसके प्रवर्तकों पर उच्चतम न्यायालय के समक्ष यह गलतबयानी करने का आरोप लगाया कि खुदरा संपत्ति फ्यूचर रिटेल (FRL) के पास ही रहेगी जब तक कि रिलायंस सौदे को राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता है. एमेजॉन ने कहा, ‘‘ये झूठे बयान जानबूझकर दिए गए थे क्योंकि एफआरएल खुदरा संपत्ति को मुकेश धीरूभाई अंबानी (एमडीए) समूह को कथित तौर पर सौंपने की अनुमति देने के कगार पर था.’’