भारतीय रिजर्व बैंक ने ‘आरबीआई रिटेल डायरेक्ट’ योजना की घोषणा की। इसके जरिए व्यक्तिगत निवेशकों को सरकारी प्रतिभूतियों में एक स्थान से निवेश की सुविधा मिलेगी। रिजर्व बैंक के साथ ‘रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता’ खोलने और उसके प्रबंधन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। हालांकि, भुगतान गेटवे के लिए पंजीकृत निवेशकों को शुल्क देना होगा।
सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा भागीदारी बढ़ाने के प्रयास के तहत फरवरी 2021 को ‘द आरबीआई रिटेल डायरेक्ट सुविधा’ की घोषणा की थी। इसका मकसद खुदरा निवेशकों की ऑनलाइन पहुंच के जरिए सरकारी प्रतिभूतियों तक पहुंच में सुधार करना है। इसमें प्राथमिक और द्वितीयक बाजार दोनों शामिल हैं। इसके अलावा उन्हें रिजर्व बैंक के पास गिल्ट प्रतिभूति खाता (रिटेल डायरेक्ट) खोलने की भी सुविधा दी जाएगी।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि खुदरा निवेशक रिजर्व बैंक के पास रिटेल डायरेक्ट गिल्ट खाता (आरडीजी खाता) खोल सकते हैं। यह खाता इस योजना के लिए उपलब्ध कराए गए ऑनलाइन पोर्टल के जरिए खोला जा सकता है।
यह ऑनलाइल पोर्टल पंजीकृत प्रयोगकर्ताओं को सरकारी प्रतिभूतियों के प्राथमिक निर्गम के अलावा एनडीएस-ओएम तक पहुंच उपलब्ध कराएगा। एनडीएस-ओएम से आशय द्वितीयक बाजार में सरकारी प्रतिभूतियों में कारोबार के लिए आरबीआई की स्क्रीन आधारित इलेक्ट्रॉनिक ऑर्डर के मिलान की प्रणाली से है।
इस संदर्भ में केंद्रीय बैंक ने कहा कि, भारतीय रिजर्व बैंक रिटेल डायरेक्ट की योजना को व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश की सुविधा के लिए वन-स्टॉप समाधान के रूप में तैयार किया गया है।
फरवरी में रिजर्व बैंक के गवर्ननर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की द्वैमासिक समीक्षा बैठक के निर्णयों की घोषणा करते समय इसकी जानकारी दी थी कि अब खुदरा निवेशक ‘रिटेल डायरेक्ट’ के जरिए सीधे सरकारी बॉन्ड खरीद पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के जरिए निवेशक अपना अकाउंट खुलवा पाएंगे एवं प्राइमरी और सेकेंडरी जी-सिक्युरिटीज मार्केट में हिस्सा ले पाएंगे।
मालूम हो कि देश में राज्य और केंद्र दोनों सरकारों की सिक्योरिटीज होती है। यह एक तरह का बॉन्ड होता है, जिसमें एक निश्चित ब्याज मिलता है। अभी तक रिटेल निवेशक सीधे इसमें निवेश नहीं कर सकते थे। बल्कि निवेशकों को म्यूचुअल फंड के गिल्ट फंड में पैसा लगाना होता था और म्यूचुअल फंड की वह स्कीम सरकार की सिक्योरिटीज में निवेश करती थी। लेकिन अब खुदरा निवेशक सीधे इसमें निवेश कर सकते हैं।