टीम इंडिया से अलग होने के बाद रवि शास्त्री बोले – टीम को अंतिम वक्त तक अपना समर्थन देते रहेंगे

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भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के साथ रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का दौर खत्म हो गया. पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर ने बतौर मुख्य कोच लगातार 4 साल तक टीम इंडिया का मार्गदर्शन किया और टीम को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाई. शास्त्री के कार्यकाल का अंत उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा और भारत को आईसीसी टी20 विश्व कप 2021 के ग्रुप स्टेज में ही बाहर का रास्ता देखना पड़ा. शास्त्री को मनमाफिक विदाई भले ही नहीं मिल पाई, लेकिन उन्होंने टीम को एक मजबूत स्थिति में छोड़ा है. टीम से अलग होने के बावजूद शास्त्री का इस टीम से मजबूत जुड़ाव है और इस जुड़ाव को दिखाते हुए शास्त्री ने टीम के नाम एक भावुक संदेश दिया है, जिसमें उन्होंने वादा किया है कि वह इस टीम को अंतिम वक्त तक अपना समर्थन देते रहेंगे.

2017 में टीम इंडिया के कोच नियुक्त हुए शास्त्री का कार्यकाल टी20 विश्व कप के बाद खत्म हो गया. 8 नवंबर को आखिरी बार भारतीय टीम के कोच के रूप में मैदान पर कदम रखने के 5 दिन बाद शास्त्री ने पहली बार बतौर पूर्व कोच अपने दिल की बात टीम इंडिया को लेकर कही है. शास्त्री ने कोच पद से हटने के बाद बीते दिनों कई इंटरव्यू दिए, लेकिन निजी तौर पर सीधे अपने फैंस और फॉलोअर्स से संवाद करते हुए शास्त्री ने पहली बार शनिवार 13 नवंबर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपने जज्बातों का इजहार किया.

अपने संदेश में क्या बोले शास्त्री?
शास्त्री ने टीम इंडिया के नाम अपने संदेश में अपने तीनों कप्तानों विराट कोहली, रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाणे को टैग करते हुए लिखा, “अब जबकि एहसास हुआ है…मुझे इस अद्भुत यात्रा का हिस्सा बनाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद. ऐसी यादें, जो हमेशा मुझे खुशी देंगी और एक टीम जिसे मैं तब तक सपोर्ट करता रहूंगा जब तक मैं ये खेल देखता रहूंगा.”

शास्त्री के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि
रवि शास्त्री 2017 में पहली बार टीम इंडिया के मुख्य कोच नियुक्त हुए थे. फिर 2019 में उनका कार्यकाल दो साल के लिए और बढ़ाया गया था. टी20 विश्व कप के बाद उन्होंने इस जिम्मेदारी को आगे जारी न रखने का फैसला किया था. शास्त्री के कार्यकाल में भारतीय टीम ने टेस्ट क्रिकेट में खास तौर पर बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें लगातार दो बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतना सबसे खास रहा. इसके अलावा इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका में भी टीम के प्रदर्शन में सुधार आया. इस साल इंग्लैंड दौरे पर खेली गई टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम पांचवां टेस्ट रद्द किए जाने से पहले 2-1 से आगे थी. हालांकिं, शास्त्री अपने कार्यकाल में आईसीसी खिताब के लिए टीम इंडिया का सूखा खत्म कर पाने में नाकाम रहे.