कहर बरपा रही राजस्थान में ठंडी, माउंट आबू और चूरू में पारा पहुंचा माइनस में, ठंडी से कंपकपा उठे लोग

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दिसंबर के अंत में राजस्थान में सर्दी अब कहर ढाने लग गई है. बर्फीली हवाओं के कारण मैदानी इलाकों में लोगों का हाल बेहाल है. प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन सिरोही जिले के माउंट आबू में सोमवार रात पारा -2 डिग्री जा पहुंचा. इससे वहां वाहनों पर बर्फ की परतें जम गईं. जबर्दस्त सर्दी और गर्मी के लिये देशभर में मशहूर चूरू में कड़ाके की सर्दी के कारण पानी जम गया. चूरू में पारा -0.4 डिग्री दर्ज किया गया है. दूसरी तरफ कई इलाकों में मंगलवार को सुबह कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम रही. इसके कारण वाहनों को रेंग-रेंगकर चलना पड़ा.

माउंट आबू में कड़ाके की सर्दी के कारण तापमान माइनस में पहुंच गया है. इससे मैदानी इलाकों एवं कारों की छतों पर बर्फ की परतें जम गईं. कड़ाके की सर्दी के चलते छोटे जलाशय एवं घरों के बाहर रखा पानी बर्फ में तब्दील हो गया. सोमवार को शाम ढलते ही लोग घरों में दुबक गये. वहीं बाहर लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ा. मंगलवार को सुबह-सुबह भी जबर्दस्त सर्दी के कारण सड़कों पर सन्नाटा छाया रहा. पर्यटक भी होटलों में ही दुबके रहे.

थार अंचल के चूरू में बर्फानी सर्दी का सितम जारी है. शीतलहर के कारण पारा लगातार माइनस में चल रहा है. हालात यह है कि यहां सोमवार रात को पानी से भरी बाल्टी में रखी जींस भी जम गयी. फसलों पर ओस की बूंदें और बर्तनों में रखा पानी जमकर बर्फ बन गया. रात को आसमान पूरी तरह साफ रहने और उत्तरी हवाओं के कारण पारा माइनस में चला गया. यहां मौसम विभाग ने -0.4 डिग्री न्यूनतम तापमान दर्ज किया है. यहां 48 घंटों में ही कोल्ड वेव के कारण तापमान 8 डिग्री तक नीचे चला गया. रविवार को मौसम विभाग ने न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री दर्ज किया था जो एक ही रात में जमाव बिन्दू के करीब 0.6 डिग्री पहुंच गया और मंगलवार को यह माइनस में पहुंच गया है.

सर्दी का आलम यह है कि धूप के बावजूद हाथ-पांवों में गलन व ठिठुरन होती रही. कड़ाके की सर्दी और शीतलहर ने जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. दोपहर तक भी बाजारों में चहल पहल का अभाव है. मौसम विभाग ने अभी तीन दिन तक और पारा गिरने की आशंका जताई है. पश्चिमी विक्षोभ व उत्तर से चली सर्द हवाओं के कारण जिले में आगामी तीन-चार दिनों तक शीतलहर चलने की संभावना है. चूरू के निकटवर्ती गांव लालसिंहपुरा की ढाणी में रात को धोने के लिये रखी जींस की पेंट भी बर्फ में जम गयी. गायत्री ने बताया कि उसने रात को बाल्टी में धोने के लिये जींस की पेंट रखी थी लेकिन सुबह 8.30 बजे के करीब धूप निकलने के बावजूद भी बाल्टी में बर्फ जमी हुई थी.