राजस्थान के जालोर में शुक्रवार देर रात करीब 2.26 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप की पुष्टि की है.नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.6 रही.इससे पहले 16 नवंबर (मंगलवार) को गुजरात के बनासकांठा जिले के साथ लगती राजस्थान की सीमा पर 4.1 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे.
गांधीनगर स्थित भूकंप विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईएसआर) ने भूकंप की पुष्टि की थी. भूकंप का केंद्र राजस्थान के पाली जिले के सुमेरपुर के समीप 10 किलोमीटर की गहराई में था. भूकंप शाम करीब सात बजकर 25 मिनट पर आया था.आईएसआर ने जानकारी में कहा कि भूकंप का केंद्र बनासकांठा जिले के मुख्यालय पालनपुर से उत्तर पूर्व में 136 किलोमीटर की दूरी पर था. बनासकांठा जिले के अधिकारियों ने बताया कि इससे गुजरात में संपत्ति क्षति या किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.
राजस्थान में गुरुवार सुबह भूकंप
वहीं इससे पहले राजस्थान में जोधपुर संभाग के सिरोही जिले में गुरुवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. हालांकि अभी तक किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं थी, लेकिन तड़के 3:30 बजे के आसपास आए भूकंप के हल्के झटकों से लोग अपने घरों से बाहर निकले. जिले के आबूरोड, स्वरूपगंज, पिंडवाड़ा, सिरोही, माउंट आबू सहित कई जगह लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए. हालांकि अधिकतर लोग उस समय सो रहे थे, जब भूकंप के झटके महसूस किए गए. लोगों ने सोशल मीडिया पर भूकंप के झटके आने की जानकारी साझा की.
वहीं, आधिकारिक तौर पर अभी तक भूकंप के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है. इधर, अरब सागर की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण पश्चिमी विक्षोभ भी राजस्थान पर प्रभावी नजर आ रहा है. इस कारण समूचे राजस्थान सहित पश्चिमी राजस्थान के भूभाग में बादलों की आवाजाही देखी जा रही है और पारे में भी गिरावट देखी गई है. कम दबाव क्षेत्र के कारण पश्चिमी विक्षोभ उत्तर पश्चिम भारत के ऊपर प्रभावी रहने वाला है, जिसका असर राजस्थान पर भी पड़े
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं. नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.