PM मोदी ने पाकिस्तान दिवस पर इमरान खान को पत्र लिख कर दीं शुभकामनाएं, कहा- सौहार्दपूर्ण संबंध की उम्मीद

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imran khan praised modi govt
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पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच सीज फायर होने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार के जो संकेत मिले थे वो और पुख्ता हो गए हैं। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को पत्र लिख कर पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस (23 मार्च) की न सिर्फ बधाई दी बल्कि दोनों देशों के अच्छे संबंधों की कामना भी की।

वर्ष 2016 से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी घुलने के बाद यह पहला मौका है जब दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्वों की तरफ से रिश्तों को सुधारने की बात कही जा रही है। पाकिस्तान के पीएम खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा हाल के दिनों में भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की बात सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं जबकि भारतीय पीएम की तरफ से पहली बार इस तरह के सकारात्मक संकेत दिए गए हैं।

पीएम मोदी के पत्र को इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तान विदेश मंत्रालय को एक कवरिंग लेटर के साथ सौंपा। मोदी ने इमरान खान को लिखा है, ‘पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर मैं पाकिस्तान के अवाम को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। एक पड़ोसी देश के तौर पर भारत पाकिस्तान के लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते की इच्छा रखता है। इसके लिए भरोसा और आतंकवाद एवं आक्रमकता से मुक्त माहौल बेहद जरूरी है। मान्यवर, मानवता के इस बेहद कठिन काल में मैं आपको और पाकिस्तान की जनता को कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के लिए भी शुभेच्छा देना चाहूंगा।’

यह एक हफ्ते में दूसरा मौका है जब पीएम मोदी ने इमरान खान को पत्र लिखा है। अभी तीन दिन पहले जब इमरान खाने के कोरोना से संक्रमित होने की सूचना मिली थी तब भी उन्होंने एक संक्षिप्त पत्र लिखा था जिसमें पाकिस्तान के पीएम के शीघ्र ठीक होने की कामना की थी।

पीएम मोदी के इस पत्र के बाद अब सभी की नजर 30 मार्च को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में होने वाली हर्ट ऑफ एशिया बैठक पर टिकी हुई है। यह बैठक अफगानिस्तान के संदर्भ में है और इसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी हिस्सा भी लेंगे। माना जा रहा है कि दुशांबे में दोनों विदेश मंत्रियों की बैठक हो सकती है जो आने वाले दिनों में रिश्तों की दिशा तय कर सकती है। इसके पहले भी वर्ष 2015 में दूसरे देशो में होने वाली अंतरराष्ट्रीय बैठकों में ही दोनों देशों ने रिश्ते सुधारने पर विमर्श का दौर शुरू करने का फैसला किया था। यह कोशिश पाकिस्तान परस्त आतंकियों की तरफ से जनवरी, 2016 में पठानकोट में हमला किए जाने से असफल हो गई थी।