UN की बैठक में PM मोदी बोलें- अगली पीढ़ी के लिए धरती की सेहत को दुरुस्त रखना हमारा काम, 2030 तक 26 लाख हेक्टेयर क्षरण भूमि को बहाल करना हमारा लक्ष्य

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    डिजिटल माध्यम से सोमवार को आयोजित हुए इस संवाद में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें भूमि और उसके संसाधनों पर लगातार बढ़ते जा रहे दबाव को कम करना होगा। उन्होंने कहा कि भूमि क्षरण ने दुनिया के दो-तिहाई हिस्से को प्रभावित किया है और इस पर ध्यान देने की जरूरत है।

    प्रधानमंत्री मोदी ने मरुस्थलीकरण से निपटने में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीसीडी) के सभी पक्षों के 14वें सत्र के अध्यक्ष के रूप में प्रारंभिक सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भूमि जीवन और आजीविका के लिए मूलभूत अंग है और सभी को इसे समझाने की जरूरत है।

    उन्होंने कहा, हमें भूमि और इसके संसाधनों पर भयंकर दबाव को कम करना होगा। हम मिलकर यह कर सकते हैं। पीएम ने कहा कि भारत में भूमि को हमेशा से महत्व दिया जाता रहा है और इसे लोग अपनी माता भी मानते हैं। हमने भूमि क्षरण को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मुद्दा बनाया है।

    प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने 30 लाख हेक्टेयर जमीन को जोड़ा है।

    इस उच्चस्तरीय संवाद में मरुस्थलीकरण, भूमि क्षरण व सूखे से निपटने में किए गए प्रयासों की प्रगति का आकलन किया जाना है। साथ ही इसमें मरुस्थलीकरण के खिलाफ संघर्ष करने और पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करने के बारे में संयुक्त राष्ट्र की कार्य योजना भी तैयार की जाएगी।