पंजाब के फिरोजपुर ज़िले में हुसैनीवाला के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले में सुरक्षा में हुई चूक को लेकर नेताओ की बयानबाजी शुरू हो गयी है.
सबसे पहला बयान असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा का आया. उन्होंने कहा ‘यह शर्म की बात है कि पंजाब के कल्याण के लिए विकास योजनाओं को शुरू करने के रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के काफिले को रोक दिया। ये सुरक्षा में एक गंभीर चूक है और तथ्य ये है कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को और भी बदतर बना दिया है.जहां पीएम पंजाब के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं आज की घटना से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस को विकास में कम दिलचस्पी है और वे केवल राजनीति करना चाहती है। सीमावर्ती राज्य में इस तरह के सुरक्षा उल्लंघन की उच्चतम स्तर पर जांच होनी चाहिए.’
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा ‘देश की करोड़ों जनता और भगवान को धन्यवाद कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जीवन सुरक्षित है, वरना कांग्रेस और गांधी परिवार ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी,ये इस देश में पहले कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जवाबदारी राज्य सरकार की थी.ये प्रधानमंत्री की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं, ये राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ है। क्या कांग्रेस की सरकार नफरत से इतनी भर गई है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा से खेल जाए। ये आपराधिक षड्यंत्र है और देश की जनता इसके लिए कभी कांग्रेस का माफ नहीं करेगी’
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा व्यवस्था के साथ जो खिलवाड़ पंजाब सरकार के संरक्षण में हुआ वह पंजाब में व्याप्त अराजकता और दुर्व्यवस्था का उदाहरण है। पंजाब सरकार को देश की जनता से इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.’
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा ‘आज प्रधानमंत्री की सुरक्षा में जिस प्रकार से लापरवाही बरती गई है और वहां(पंजाब) के मुख्यमंत्री ने किसी का फोन उठाना भी ज़रूरी नहीं समझा। उत्तराखंड के लोग इसकी कड़ी निंदा करते हैं। ये लोकतंत्र के काले अध्याय के रूप में लिखा जाएगा.’
नेताओं की प्रतिक्रिया आना लाज़मी है पर अभी नेता विपक्ष कांग्रेस के राहुल गाँधी का बयान नहीं आया है. यह देखना दिलचस्प होगा की वह ट्वीट करके अपनी प्रतिक्रिया सामने रखेंगे या वि खुद मीडिया के सामने आयंगे.