पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ नाराजगी जगजाहिर है। केंद्र सरकार के साथ टकराव की स्थिति आए दिन बनी ही रहती है। अब खबर है कि पीएम मोदी के साथ एक वर्चुअल मीटिंग में सीएम ममता को बोलने का मौका नहीं दिया गया।
राज्य सचिवालय के एक शीर्ष सूत्रों ने यह जानकारी दी कि सीएम ममता बनर्जी को पीएम के साथ आभासी मुलाकात के दौरान बुधवार को दो घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया।
सूत्रों ने कहा कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आजादी का अमृत महोत्सव बैठक में बोलने का मौका नहीं दिया गया क्योंकि उनका नाम वक्ताओं की सूची में नहीं था। आगे बताया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना पर नाखुशी जाहिर की है, जिससे पूरा राज्य प्रशासन भी आहत है। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे।
इससे पहले भी लगा चुकी है न बोलने का आरोप
कोरोना संकट को लेकर मई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 राज्यों के मुख्यमंत्री और 54 जिलाधिकारियों के साथ बैठक की थी। इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुई थीं। बैठक के बाद ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि बैठक में सिर्फ भाजपा के कुछ मुख्यमंत्रियों ने अपनी बात रखी। बाकी राज्यों के मुख्यमंत्री चुपचाप बैठे रहे। यहां तक कि मैं भी नहीं बोल पाई। सीएम ममता ने कहा था कि उन्होंने अपने डीएम को इसलिए नहीं भेजा कि वह खुद ही पीएम के सामने दवाओं और टीकाकरण की मांग रखेंगी, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया।