प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में आयोजित 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से भारत की भागीदारी का नेतृत्व किया। पीएम मोदी ने ब्रिक्स पहचान को मजबूत करने और ब्रिक्स दस्तावेजों, ब्रिक्स रेलवे अनुसंधान नेटवर्क के लिए ऑनलाइन डेटाबेस की स्थापना और एमएसएमई के बीच सहयोग को मजबूत करने का प्रस्ताव दिया। भारत ब्रिक्स देशों में स्टार्टअप के बीच संबंध मजबूत करने के लिए इस वर्ष ब्रिक्स स्टार्टअप कार्यक्रम का आयोजन करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्रिक्स सदस्यों के रूप में हमें एक-दूसरे की सुरक्षा चिंताओं को समझना चाहिए और आतंकवादियों को चिन्हित करने में आपसी समर्थन प्रदान करना चाहिए और इस संवेदनशील मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने अफ्रीका, मध्य एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत से कैरिबियन तक भारत की विकास साझेदारी के साथ-साथ एक मुक्त, खुले, समावेशी और नियम-आधारित समुद्री क्षेत्र पर भारत का ध्यान, हिंद महासागर से लेकर प्रशांत महासागर क्षेत्र तक सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान और एशिया के बड़े हिस्से के रूप में बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार एवं वैश्विक निर्णय लेने में संपूर्ण अफ्रीका और लैटिन अमेरिका की विचार शून्यता का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने सर्कुलर अर्थव्यवस्था के महत्व पर भी बल दिया और प्रतिभागी देशों के नागरिकों को Lifestyle For Environment अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। इसमें भाग लेने वाले अतिथि देशों में अल्जीरिया, अर्जेंटीना, कंबोडिया, मिस्र, इथियोपिया, फिजी, इंडोनेशिया, ईरान, कजाकिस्तान, मलेशिया, सेनेगल, थाईलैंड और उजबेकिस्तान शामिल थे।