पीएम मोदी ने दी गहलोत सरकार को बड़ी राहत, 3428 करोड़ रुपए देना का आदेश किया जारी

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कोराना काल में आर्थिक चुनौतियां का सामना कर रही अशोक गहलोत सरकार को केंद्र की नरेन्द्र मोदी गर्वेमेंट से बड़ी राहत मिली है. मोदी सरकार ने जीएसटी मुआवजे की एवज में बैंक टू बैंक ऋण सुविधा के तहत गहलोत सरकार को 3428 करोड़ रुपए देने के आदेश जारी किए हैं. यह राशि सामान्य मुआवजा के अतिरिक्त है, जो वास्तविक उपकर संग्रह में से हर दो महीने में जारी की जाती है. गत 28 मई को आयोजित 43वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया कि था कि केंद्र 1.59 करोड़ लाख रुपये उधार लेगी और इसे राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को बैंक-टू-बैंक ऋण सुविधा के तहत जारी करेगी.

यह राशि मिल जाने से गहलोत सरकार की योजनाओं में गति आएगी. संसाधनों की कमी को पूरा किया जा सकेगा. केंद्र सरकार ने राज्य के लिए जो राशि जारी की है उससे सार्वजनिक व्यय की योजनायें बनाने में, स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में सुधार करने तथा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शुरू करने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कई बार धन की कमी से अवगत करा चुके हैं. मुख्यमंत्री का कहना था कि कोविड काल के कारण सरकार को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मदद करनी चाहिए.

उल्लेखनीय है कि गत 12 जून को जीएसटी परिषद की 44वीं बैठक में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से क्षतिपूर्ति राशि का बकाया देने की मांग की थी. धारीवाल का कहना था कि राजस्थान को 2020-21 की जीएसटी क्षतिपूर्ति राशि का बकाया 4635.29 करोड़ तुरंत एकमुश्त में जारी किया जाए. मंत्री धारीवाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष मुद्दा उठाते कहा कि कोरोना काल के कारण राज्य की लोक कल्याणकारी योजनाओं की गति धीमी हो गई है. आर्थिक संसाधनों की बेहद आवश्यकता है. इसलिए केंद्र सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि पांच वर्ष के लिये बढ़ा कर 2027 कर दें.