डोभाल की मीटिंग से बेचैन हुआ पाकिस्तान – अब भारत की तरह इमरान सरकार ने भी अफगानिस्तान पर बुलाई बैठक

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नकल करने की कोशिश में पाकिस्तान, अफगानिस्तान पर भारत की बैठक में नहीं हुआ शामिल, ‘Troika Summit’ का आयोजन करेगा
अफगानिस्तान की स्थिति पर चर्चा के लिए भारत बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की वार्ता कर रहा है. इस बैठक में पाकिस्तान ने बीते हफ्ते ही आने से इनकार कर दिया था. जबकि चीन ने ‘शेड्यूल’ का बहाना बनाकर बैठक से किनारा कर लिया. हालांकि इसमें रूस और ईरान समेत आठ देश हिस्सा ले रहे हैं (India NSA Level Meeting). अब खबर आई है कि पाकिस्तान भारत की नकल करते हुए अफगानिस्तान पर चर्चा के लिए त्रोइका सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है. पाकिस्तान गुरुवार को इस्लामाबाद में अमेरिका, चीन और रूस के वरिष्ठ राजनयिकों की मेजबानी करेगा.

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ (Moeed Yusuf) ‘त्रोइका प्लस’ बैठक की अध्यक्षता करेंगे. डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, चारों देशों के प्रतिनिधि तालिबानी नेता और अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से भी मुलाकात करेंगे. मुत्ताकी बुधवार को ही इस्लामाबाद पहुंच रहा है. अगस्त में काबुल पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने के बाद से किसी अफगान मंत्री की यह पहली पाकिस्तान यात्रा है. एक पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा, ‘एसआर (विशेष प्रतिनिधि स्तर) स्तर के त्रोइका प्लस सम्मेलन में मुत्ताकी के साथ बैठक होगी.’

किन विषयों को उठाएगा पाकिस्तान
यह वार्ता ऐसे समय में हो रही है, जब तालिबान अंतरराष्ट्रीय मान्यता पाने के लिए हाथ पैर मार रहा है. हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान की अंतरिम सरकार को तब तक वैधता देने की जल्दी में नहीं है जब तक कि वो अपने किए वादे पूरे नहीं कर देता (Pakistan on Afghanistan Situation). पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया, ‘त्रोइका प्लस अफगान अधिकारियों के साथ जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है. इसमें एक समावेशी सरकार के लिए समर्थन व्यक्त किया जाएगा, अफगानिस्तान में मानवीय संकट को रोकने के तरीकों के साथ-साथ मानवाधिकारों, विशेष रूप से महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा होगी.’

दोहा और मास्को में हुई थी बैठक
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद त्रोइका प्लस की यह पहली पूर्ण बैठक है. इससे पहले अगस्त के आखिर में दोहा में ऐसी बैठक का आयोजन किया गया था. जिसमें अमेरिका का प्रतिनिधित्व अफगानिस्तान के लिए पूर्व विशेष दूत जलमी खलीलजाद ने किया था (Meetings on Afghanistan). हालांकि उन्होंने बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अफगानिस्तान पर एक अन्य बैठक रूस ने की थी. इसका आयोजन 19 अक्टूबर को मास्को में हुआ था. लेकिन अमेरिका ने अपनी मजबूरी बताते हुए इसमें हिस्सा नहीं लिया.