पाकिस्तान: इमरान खान ने कट्टरपंथियों के आगे टेके घुटने, फ्रांस के राजदूत को बाहर करने का लाएंगे प्रस्ताव

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Imran khan
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पाक सरकार ने आखिरकार कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के आगे घुटने टेक दिए। उसने कट्टरपंथियों से हुई समझौता वार्ता के बाद घोषणा की कि वह संसद में फ्रांसीसी दूत के निष्कासन पर एक प्रस्ताव लाएगी और प्रतिबंधित टीएलपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ सभी मामलों को रद्द करेगी सरकार।

गृहमंत्री शेख राशिद ने एक वीडियो बयान में इसकी पुष्टि भी की कि नेशनल असेंबली में सरकार और टीएलपी के साथ हुई समझौते के तहत फ्रांस के राजदूत के निष्कासन पर एक प्रस्ताव लाया जाएगा।

उन्होंने टीएलपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ आतंकवाद के आरोपों के तहत दर्ज मुकदमों को भी खत्म करने की घोषणा करते हुए कहा कि चौथी अनुसूची से भी टीएलपी नेताओं के नाम हटाए जाएंगे।

बता दें कि फ्रांसीसी राजदूत का निष्कासन कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी टीएलपी की मुख्य चार मांगों में से एक है, जिसे पिछले सप्ताह देश भर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद प्रतिबंधित कर दिया गया था।

राशिद ने कहा, समझौते के तहत टीएलपी भी लाहौर और देश के अन्य शहरों में अपना प्रदर्शन खत्म करने पर सहमत हो गया है। हालांकि पार्टी के साथ आगे की बातचीत अभी जारी रहेगी।

कट्टरपंथियों ने सरकार पर बनाए रखा दबाव
एक तरफ जहां सरकार व टीएलपी के बीच समझौता वार्ता चल रही थी वहीं दूसरी तरफ लाहौर में पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं ने धरना देकर सरकार पर दबाव बनाए रखा।

सरकार ने रावलपिंडी व इस्लामाबाद जाने वाली सड़कों पर कंटेनर रखकर प्रदर्शन रोकने की कोशिश की और लाहौर समेत देश के कुछ हिस्सों में सेल फोन व इंटरनेट सेवाएं बंद कीं, लेकिन सरकार को ही झुकना पड़ा। सरकार पर सबसे बड़ा दबाव 11 पुलिस अफसरों को बंधक बनाने का पड़ा, जिन्हें पहले दौर की समझौता वार्ता के बाद चोटिल हालत में टीएलपी समर्थकों ने सोमवार को छोड़ा।

इस तरह हुआ समझौता
सरकारी प्रतिनिधिमंडल में देश के गृहमंत्री शेख राशिद, पंजाब के राज्यपाल चौधरी सरवर, संघीय धार्मिक मामलों के मंत्री पीर नूरुल हक कादरी और पंजाब के कानून मंत्री बशरय राजा शामिल थे।

इस दौरान सरकार में खास स्थान रखने वाले मौलवियों ने सोमवार को लाहौर की कोट लखपत जेल में टीएलपी प्रमुख साद रिजवी से भी मुलाकात की, लेकिन देश भर में विरोध प्रदर्शनों की घोषणा करने के लिए उन्हें मना नहीं सके। इसके बाद थक हारकर सरकार ने अंतत: मंगलवार को संगठन के साथ समझौते पर दस्तखत कर दिए। 

साद रिजवी की गिरफ्तारी पर भड़की हिंसा
टीएलपी का विरोध फ्रांस में इस्लामी धर्मगुरु पर छपे कार्टून को लेकर था। पार्टी के कट्टरपंथी इसके विरोध में फ्रांसीसी राजदूत को पाकिस्तान से 20 अप्रैल तक निष्कासित करने की सीमा दे चुके थे। इसके बाद निर्धारित समय से पहले ही पाक सरकार ने पार्टी नेता साद रिजवी को गिरफ्तार कर लिया। इस पर समर्थक सड़कों पर उतरे और देश के कई शहरों में हिंसा भड़क उठी।