राजधानी लखनऊ में यूपी एसटीएफ ने फर्जी कॉल सेंटर चलाने और एक करोड़ हड़पने के मामले में दंपति समेत तीन को किया गिरफ्तार

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UP STF arrested fraudsters

फर्जी कॉल सेंटर खोला, दो साल में 200 लोगों से एक करोड़ रुपये बीमा कंपनी के प्रीमियत के नाम पर ग्राहकों से फर्जी बैंक खातों में जमा करा लिए। इस फर्जीवाड़े के लिए फर्जी आईडी से एक्टिवेट कराए गए 200 से ज्यादा सिम कार्ड इस्तेमाल किए गए। इन सिम से बात करने के लिए 100 मोबाइल फोन खरीदे गए थे। इस फर्जीवाड़े की सूचना मिली तो एसटीएफ ने गिरोह के सरगना अंकित व उसकी पत्नी प्रिया और साथी अनुज को गिरफतार कर इसका खुलासा किया। आरोपित दंपति पर 10-10 हजार jरुपये इनाम था। इन जालसाजों के साथ शामिल अन्य लोगों के बारे में पता लगाया जा रहा है।

एसटीएफ के कार्यवाहक एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक पकड़े गए आरोपितों में कुर्सी रोड, अवधपुरम सोसायटी निवासी अंकित सिंह, उसकी पत्नी प्रिया व बहराइच निवासी अनुज गौड़ हैं। अंकित मूल रूप से रायबरेली के डलमऊ का है। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कुछ समय से बीमा कम्पनियों के ग्राहकों को फोन कर प्रीमियम जमा कराने के बहाने ठगा जा रहा है। रविवार को अंकित और प्रिया कुर्सी रोड पर फर्जी नाम पते से एक्टिवेट किए गए दर्जनों सिम कार्ड किसी से लेने वाले हैं। इस पर एसटीएफ के सब इंस्पेक्टर पकंज सिंह, मनोज सिंह टीम के साथ वहां पहुंच गए। यही मौजूद अंकित, प्रिया व अनुज को पकड़ लिया गया।

जेल से छूटने पर घर में कॉल सेंटर खोला
अंकित ने बताया कि वह और प्रिया वर्ष 2017 में एक कॉल सेंटर में काम करते थे। यह कॉल सेंटर भी फर्जी था। यहां प्रिया ग्राहकों को कॉल करती थी जबकि अंकित फर्जी बैंक खाता खुलवाने का काम करता था। वर्ष 2018 में कृष्णानगर में एक ठगी के मामले में अंकित व कॉल सेंटर संचालक को पुलिस ने जेल भेज दिया था। तीन महीने बाद अंकित की जमानत हो गई थी। इसके बाद वर्ष 2019 में अंकित व प्रिया ने अपने घर पर फर्जी कॉल सेंटर खोल लिया था। ठगी में रकम मिलने लगी तो वर्ष 2020 में मालवीय नगर स्थित अपेक्स सर्किल ओके प्लस बिल्डिंग में फर्जी काल सेंटर खोल लिया था।

ऐसे करते थे ठगी
प्रिया ने बताया कि पहले वाले कॉल सेंटर से कई डाटा उन लोगों ने चोरी कर लिए थे। प्रिया इन ग्राहकों को फोन कर कहती थी कि वह मैक्स कंपनी से बोल रही है। आपको लकी कस्टमर चुना गया है। इसलिए ऑनलाइन भुगतान पर 10 प्रतिशत प्रीमियम कम जमा करना होगा। फिर ग्राहकों को अपने द्वारा फर्जी आईडी से खोले गए बैंक खातों में रकम जमा करा लेते थे।

120 फर्जी खाते खोल एक करोड़ जमा कराए
कार्यवाहक एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि गिरोह ने दीपक रजक, दीपक कुमार, अजय चौधरी, सूरज, मीना समेत कई नामों से 120 फर्जी बैंक खाते खुलवाए। इनमें 200 लोगों से दो साल में करीब एक करोड़ रुपये जमा करवा लिए। फर्जी नाम-पते से खोले गए इन खातों से लेन-देन अंकित ही करता था।

फर्जी आईडी पर 200 सिम खरीदे
अंकित ने बताया कि वह दो साल में फर्जी आईडी से करीब 200 सिम कार्ड खरीद चुका है। अनुज एक निजी दूरसंचार कंपनी में सिम कार्ड प्रमोटर था। मुंशी पुलिया के पास कैनोपी लगाकर वह सिम बेचता था। वह अक्सर ग्रामीण इलाकों में जाकर सिम बेचता था। यहां ग्रामीणों की आईडी पर कई सिम एक्टिव कर देता था और फिर उन्हें एक सिम देकर बाकी सिम को अंकित और प्रिया को 400-500 रुपये में बेचता था।

100 मोबाइल फोन का इस्तेमाल
अंकित ने बताया कि जिस मोबाइल नम्बर से कॉल करने के बाद ग्राहक उनके जाल में फंस कर भुगतान कर देता था, उसके बाद सिम और मोबाइल फोन को तोड़ कर फेंक दिया जाता था। इस गिरोह का जाल जयपुर में भी फैला हुआ है।

बैंक और दूरसंचार कंपनी के कई कर्मचारी रडार पर
एसएसपी के मुताबिक कि कई बैंक कर्मचारी व दूर संचार कंपनी के सेल्समैन और अन्य कर्मचारी का ब्योरा जुटाया गया है। इनसे भी पूछताछ की जाएगी। यह पता किया जाएगा कि बीमा कंपनी का डाटा कैसे लीक हुआ। किसकी मदद ली गई है। फर्जी बैंक खाते किस तरह से खोले गए। क्या इसमें बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत थी।