Omicron Variant: पहले संक्रमित हो चुके लोगों के लिए ओमीक्रॉन का खतरा ज्यादा, वैज्ञानिकों ने कहा- इसमें म्यूटेशन ज्यादा, इसलिए फैल रहा

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    पिछले हफ्ते बोत्सवाना (Botswana) में डॉ. सिखुलीले मोयो अपनी लैब में कोविड-19 के सैंपलों का विश्लेषण कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने देखा कि ये सैंपल्स दूसरों से अलग दिख रहे थे. लेकिन तब तक ओमीक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) का नाम भी किसी ने नहीं सुना था. हालांकि इसके कुछ ही दिनों के बाद दुनिया इस खबर से हिल उठी कि कोरोना वायरस का एक चिंताजनक नया वेरिएंट सामने आया है. एक ऐसा वेरिएंट जिससे दक्षिण अफ्रीका में कोविड के मामलों में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है और जो इस बारे में एक झलक पेश कर रहा है कि वैश्विक महामारी अब किस दिशा में बढ़ रही है.

    दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में कोविड-19 के नए मामले नवंबर के मध्य में हर दिन लगभग 200 से बढ़कर शुक्रवार को 16,000 से अधिक हो गए. स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा कि देश के सबसे अधिक आबादी वाले प्रांत गौतेंग में एक हफ्ते पहले ओमीक्रोन का पता चला था और तब से यह सभी आठ अन्य प्रांतों में फैल गया है. तेजी से बढ़ने के बावजूद, संक्रमण के नए दैनिक मामले अभी भी 25,000 से नीचे है जो दक्षिण अफ्रीका में जून और जुलाई में पिछली लहर के दौरान देखने को मिले थे.

    ओमीक्रोन में 50 से ज्यादा म्यूटेशन

    ओमीक्रोन की पहचान करने वाले संभवत पहले व्यक्ति, वैज्ञानिक मोयो ने कहा कि नए वेरिएंट के बारे में बहुत कम जानकारी है. लेकिन दक्षिण अफ्रीका में वृद्धि से पता चलता है कि यह अधिक संक्रामक हो सकता है. ओमीक्रोन में 50 से अधिक म्यूटेशन हैं और वैज्ञानिकों ने इसे वायरस के विकास में एक बड़ा उछाल कहा है. फाहला ने कहा कि जिन लोगों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई गई है, उनमें से केवल कुछ ही लोग बीमार हुए हैं. इनमें से ज्यादातर हल्की बीमारी के मामले हैं. जबकि अस्पताल में भर्ती होने वालों में से अधिकतर को वैक्सीन नहीं लगी हुई थी.

    वैक्सीन ‘ओमीक्रोन’ के खिलाफ भी कारगर

    दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने एक चिंताजनक घटनाक्रम में पाया है कि ओमीक्रोन पहले के वेरिएंट की तुलना में उन लोगों में फिर से संक्रमण का कारण बन रहा है, जिनको पहले से कोविड हो चुका है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि वैक्सीन अब भी गंभीर संक्रमण के खिलाफ कारगर साबित होगा. इस बीच, मोयो ने एक साक्षात्कार में दक्षिण अफ्रीका पर लगाए प्रतिबंधों पर निराशा जाहिर की. उन्होंने कहा, ‘आप इस तरह से विज्ञान को सम्मानित करते हैं? देशों को ब्लैकलिस्ट करके?’ उन्होंने कहा, ‘वायरस पासपोर्ट नहीं जानता है. यह सीमाओं को नहीं जानता है. हमें वायरस को लेकर भू-राजनीति नहीं करनी चाहिए. हमें सहयोग करना चाहिए और समझना चाहिए.’