देशभर में CAA-NRC लागू करने पर अभी कोई फैसला नहीं: केंद्र सरकार

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केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में बताया कि सरकार ने अभी देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने को लेकर कोई फैसला नहीं किया है।

उन्होंने एक लिखित जवाब में बताया कि नागरिकता कानून 1955 के तहत नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप के तहत डिटेंशन सेंटर का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने बताया कि असम में बने डिटेंशन सेंटर में 802 लोग रखे गए हैं। एक अन्य जवाब में उन्होंने बताया कि पिछले पांच सालों में सरकार ने 14,864 बांग्लादेशी लोगों को नागरिकता दी है। यह नागरिकता 2015 में दोनों देशों की सरकारों के मध्य हुए सीमा समझौते के बाद प्रदान की गई।

सीआईबीएमएस के चरण-1 की समीक्षा पूरी
उन्होंने सदन को बताया कि व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (सीआईबीएमएस) के चरण-1 की समीक्षा पूरी हो चुकी है। इसी कड़ी में सीआईबीएमएस के चरण-2 में पर्याप्त प्रगति हुई है। इतना ही नहीं वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय सीमा के 71 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर किया गया है।

सीमा पार से आतंकी और घुसपैठ की घटनाओं में आई कमी
गृह मंत्रालय ने सदन को बताया कि सीमा पार से आतंकी घटनाओं और घुसपैठ की कोशिशों में काफी कमी आई है। यह सिलसिला पिछले तीन साल से चल रहा है। हालांकि इस दौरान सीमा पार से गोलीबारी की वारदातों में खासी वृद्धि हुई है।

आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018 में 614, 2019 में 594, 2020 में 244 और 2021 में फरवरी तक 15 आतंकी हमलों के मामले सामने आए हैं। इसी तरह में घुसपैठ की घटनाएं वर्ष 2018 में 328, 2019 में 216, 2020 में 99 हुई। इस साल अभी तक घुसपैठ का कोई मामला सामने नहीं आया। संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं 2018 में 2140 बार, 2019 में 3479 बार, 2020 में 5133 बार और 2021 में महज सवा दो महीनों में 658 बार हो चुकी हैं। इस दौरान जान गंवाने वाले आम नागरिकों की बात करें तो 2018 में 30, 2019 में 18, 2020 में 22 की जान गई। इस साल अभी तक किसी भी आम नागरिक की मौत नहीं हुई है, जबकि सुरक्षाकर्मियों की बात करें तो 2018 में 29, 2019 में 19, 2020 में 24 और इस साल अभी तक चार सुरक्षाकर्मी शहीद हो चुके हैं।

पाकिस्तान ड्रोन के जरिये भेज रहा हथियार
सीमा पार पाकिस्तान से ड्रोन के जरिये हथियारों की सप्लाई पर गृह मंत्रालय ने बताया कि ऐसे कुछ मामले सुरक्षा एजेंसियों के संज्ञान में आए हैं। इसकी व्यापक जांच के साथ सरकार ऐसे मामलों से निपटने के लिए चाक चौबंद इंतजाम कर करने में जुटी है। इन प्रभावी कदमों में निगरानी, खुफिया जानकारियों का बारीकी से अवलोकन कर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। इसके अलावा सुरक्षाबलों में इस तरह के मामलों से निपटने के लिए क्षमता निर्माण, सीमाओं पर गश्त को बढ़ाया गया है। सीमा पर बसे स्थानीय लोगों को इस तरह के मामलों से निपटने के लिए जागरूक किया जा रहा है। अवलोकन चौकियां स्थापित की गई हैं। इसके अलावा सीमाओं पर निगरानी के लिए अत्याधुनिक और हाईटेक सुविधाओं से लैस निगरानी प्रणाली की मदद ली जा रही है।

जम्मू-कश्मीर में मूल निवास प्रमाणपत्र के लिए 35 लाख से अधिक ने किया आवेदन
गृह मंत्रालय ने सदन को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर सरकार की जानकारी के मुताबिक, राज्य में मूल निवास प्रमाणपत्र के लिए 35,44,938 लोगों ने आवेदन किया था। इसमें से 32,31,353 आवेदकों के अनुरोध को स्वीकार कर उन्हें जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित राज्य का डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए, जबकि दिसंबर 2020 तक 2,15,438 अनुरोधों को अस्वीकार भी किया गया। 31 दिसंबर तक 31,08,682 डोमिसाइल सर्टिफिकेट स्थायी प्रमाण पत्र आश्रित और धारकों को प्रदान किए गए।