‘वैक्सीन की कमी’ के बीच नितिन गडकरी ने दिया सुझाव, कहा- वैक्सीन उत्पादन के लिए अन्य कंपनियों को दिया जाए निर्माण का लाइसेंस

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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को सुझाव दिया कि कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए कुछ और दवा कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी जानी चाहिए। नितिन गडकरी ने यह बात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए कही।

‘कंपनियों को मंजूरी देने के लिए बनाया जाए कानून’
उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बारे में आग्रह करेंगे कि देश में जीवन रक्षक दवाओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए और दवा कंपनियों को मंजूरी देने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। इसमें दवा के पेटेंट धारक को अन्य दवा कंपनियों द्वारा 10 प्रतिशत रॉयल्टी देने की व्यवस्था की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि टीके की आपूर्ति के मुकाबले उसकी मांग अधिक होगी तो इससे समस्या खड़ी होगी। इसलिए एक कंपनी के बजाय 10 और कंपनियों को टीके का उत्पादन करने में लगाया जाना चाहिए। इसके लिए टीके के मूल पेंटेंट धारक कंपनी को दूसरी कंपनियों द्वारा दस प्रतिशत रॉयल्टी का भुगतान किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने आगे भी कहा कि पहले देश में सप्लाई पूरी हो जाए, उसके बाद वैक्सीन का आयात किया जाए।

दो कंपनियां ही कर रही हैं उत्पादन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में पत्र लिखकर कहा कि केेंद्र को टीका बनाने वाली दोनों कंपनियों का फार्मूला अन्य सक्षम दवा विनिर्माता कंपनियों को देना चाहिए ताकि टीके का उत्पादन बढ़ाया जा सके। वर्तमान में देश में कोरोना रोधी टीके का उत्पादन दो कंपनियां कर रही हैं। पहली भारत बायोटेक जो कोवैक्सिन टीका बना रही है और दूसरी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जो कि कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है।

केजरीवाल ने कहा कि इन दोनों कंपनियों को दूसरी कंपनियों द्वारा टीका उत्पादन से होने वाले मुनाफे में से रायल्टी दी जा सकती है। देश में फिलहाल तीन टीकों को ही इस्तेमाल की अनुमति मिली है — कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक- वी। डा. रेड्डीज लैब स्पुतनिक- वी का रूस से आयात कर रही है। फिलहाल देश में इसकी उपलब्धता व्यापक स्तर पर नहीं है।