एंटीलिया केस: NIA का बड़ा एक्शन, 12 घंटे की पूछताछ के बाद सचिन वाझे गिरफ्तार, आज होगी कोर्ट में पेशी

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    उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर ‘एंटीलिया’ के बाहर मिली कार के कथित मालिक मनसुख हिरेन की मौत मामले में विवादों में घिरे पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से 12 घंटे की पूछताछ के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो प्लांट करने के आरोप में मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाझे पर यह एक्शन हुआ है। माना जा रहा है कि मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाझे को आज एनआईए कोर्ट में पेश करेगी और कस्टडी मांगेगी। इससे पहले नाम सामने आने पर सचिन वाझे ने शुक्रवार को ठाणे की अदालत में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। शनिवार को अदालत ने वाझे को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था।

    एक शीर्ष अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि सचिन वाझे ने 25 फरवरी को कारमाइकल रोड (एंटीलिया के पास) पर विस्फोटक से लदे स्कॉर्पियो लगाने वाले समूह का हिस्सा होने की बात कबूल कर ली है। एएनआई ने यह भी बताया कि वाझे को आईपीसी की धारा 286, 465, 473, 506(2), 120 B और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4(a)(b)(I) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उनपर या धाराएं 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक से भरी कार को प्लांट करने में शामिल होने के आरोप में लगाए गए हैं।

    अदालत ने कहा कि उनके विरुद्ध प्रथमदृष्टया सबूत और सामग्री हैं। हिरासत में लेकर उससे पूछताछ करने की जरूरत है। इसके साथ ही अदालत ने अगली सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी को भी हाजिर रहने का आदेश दिया। इस दौरान कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया था कि अगर जांच एजेंसी चाहे तो सचिन वाझे को गिरफ्तार कर सकती है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 19 मार्च को होगी। बता दें कि हिरेन की पत्नी ने वाझे पर उनके पति की मौत में संलिप्त होने का आरोप लगाया है। वाझे को बुधवार को मुंबई अपराध शाखा से हटा दिया गया था।

    पुलिस अधिकारी सचिन वाझे शनिवार को दक्षिण मुंबई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के समक्ष पेश हुए और पिछले महीने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से लदे एसयूवी वाहन पाए जाने के मामले में अपना बयान दर्ज कराया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। सहायक पुलिस निरीक्षक कुंबाला हिल स्थित एजेंसी के दफ्तर में सुबह करीब साढ़े 11 बजे पहुंचे। पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच एजेंसी वाझे से मामले के सिलसिले में सूचना चाहती है, इसलिए वह एनआईए के दफ्तर में आए। 12 घंटे तक पूछताछ करने के बाद एनआईए ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

    दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम तहसीन अख्तर से उसके बैरक में मोबाइल फोन मिलने के संबंध में पूछताछ के लिए शनिवार को तिहाड़ जेल पहुंची। अख्तर को साल 2014 में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह इंडियन मुजाहिदीन का नेतृत्व करने के लिये गिरफ्तार किया गया था। पुलिस को संदेह है कि उस मोबाइल फोन का इस्तेमाल एक टेलीग्राम चैनल बनाने के लिए किया गया। फिर उस चैनल का इस्तेमाल जैश-उल-हिंद नामक समूह ने 25 फरवरी को उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई में स्थित घर ‘एंटीलिया’ के बाहर से जिलेटिन की छड़ों से लदी एसयूवी खड़ी करने की जिम्मेदारी लेने के लिए किया। तिहाड़ जेल से मोबाइल फोन मिलने के संबंध में दिल्ली सरकार ने जेल महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है।

    मनसुख की मौत के मामले में जांच कर रही टीम के मुताबिक, जो कार अंबानी के घर के बाहर मिली थी वह मनसुख हिरेन की नहीं थी बल्कि सैम पीटर न्यूटन की थी। मनसुख हिरेन ने भी अपनी मौत से पहले क्राइम ब्रांच को दिए बयान में कहा था कि 2016 से उनकी न्यूटन से जान-पहचान है। न्यूटन ने मनसुख हिरेन से उनकी गाड़ी में कुछ ऐक्ससरीज लगवाई थीं, जिसका बिल 2 लाख 80 हजार का बना था। न्यूटन ने ये पैसे नहीं चुकाए और बदले में अपनी 13 साल पुरानी कार मनसुख को दे दी थी।

    49 साल के वाझे महाराष्ट्र के कोल्हापुर के रहने वाले हैं और वह 1990 में एक सब-इंस्पेक्टर के रूप में महाराष्ट्र पुलिस में भर्ती हुए थे। सबसे पहले उनकी पोस्टिंग नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली में हुई थी और फिर ठाणे में तैनाती हुई। मुंबई पुलिस में आने के बाद वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में मशहूर हुए। वाझे ने अंडरवर्ल्ड के कई गैंगस्टर्स के एनकाउंटर में हिस्सा लिया। बताया जाता है कि उन्होंने 5 दर्जन से अधिक अपराधियों को इन मुठभेड़ों में मार गिराया। बताया जाता है कि वाझे टेक्नॉलजी की अच्छी जानकारी रखते हैं और उन्होंने कई साइबर क्राइम और आपराधिक केसों को भी उन्होंने सुलझाया था।

    उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास 25 फरवरी को विस्फोटक और धमकी भरे पत्र के साथ स्कॉर्पियो एसयूवी कार मिली थी। हिरेन ने दावा किया था कि कार उनकी है लेकिन घटना से एक हफ्ते पहले वह चोरी हो गई थी। इस मामले में उस समय पेंच आया जब पांच मार्च को ठाणे में एक नदी किनारे हिरेन मृत पाए गए थे। हिरेन की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति ने एसयूवी पिछले साल नवंबर में वाजे को दी थी और उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में यह कार लौटाई थी। हालांकि, वाजे ने इससे इनकार किया है।