भारत-फ्रांस की आतंकवाद-रोधी बैठक: अलकायदा-ISIS सहित कई संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने पर जोर

    399
    India France

    भारत और फ्रांस ने मंगलवार को अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकवाद के खतरों का मूल्यांकन किया और इसके खिलाफ साझेदारी बढ़ाने पर सहमति जताई. पेरिस में काउंटर-टेररिज्म मीटिंग के दौरान दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि अफगानिस्तान क्षेत्र कट्टरपंथ और आतंकवाद का गढ़ ना बनें और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) प्रस्ताव 2593 के तहत क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकी संगठनों की मदद करने, टेरर फंडिंग, आतंकी हमले की योजना बनाने में ना हो, यह सुनिश्चित करने की जरूरत है.

    दोनों देशों ने अलकायदा, आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिज्बुल मुजाहिदीन समेत संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित उन सभी आतंकी संगठनों और आतंकियों के खतरों को लेकर भी चर्चा की. साथ ही कहा गया कि आतंकी हमलों के दोषियों को जल्द-से-जल्द कानून के दायरे में लाने की कोशिश होनी चाहिए. भारत और फ्रांस ने इस पर जोर दिया कि कोई भी देश अपने क्षेत्र में किसी दूसरे देश के खिलाफ होने वाले आतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होने दें.

    काउंटर टेररिज्म पर ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की 15वीं बैठक में दोनों देशों नें आतंकवाद को नियंत्रण करने के लिए आतंकियों पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदम को महत्वपूर्ण बताया. दोनों पक्षों ने आतंकियों और आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अपनी प्राथमिकताओं और प्रक्रियाओं को भी साझा किया.

    विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि दोनों देशों ने अवैध नार्कोटिक ड्रग्स और हथियारों की तस्करी को रोकने, चरमपंथ और हिंसक अतिवाद के खिलाफ सूचना साझा करने, आतंकी फंडिंग को रोकने, आतंकी गतिविधियों के लिए इंटरनेट के दुरुपयोग को रोकने जैसे कदमों पर विचार साझा किए. इस बैठक में भारत की तरफ से विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (काउंटर टेररिज्म) महावीर सिंघवी ने हिस्सा लिया.

    NSA डोभाल ने भी सुरक्षा मुद्दों पर की थी चर्चा

    हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने भी फ्रांस के साथ दोनों देशों के बीच वार्षिक रणनीतिक बातचीत में हिस्सा लिया था, जिसमें वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर भी बातचीत की थी. इस दौरान फ्रांस ने भारत को अत्याधुनिक सैन्य तकनीक में मदद का भरोसा दिया. इसके अलावा हिंद प्रशात क्षेत्र में समुद्र सुरक्षा को मजबूत करने और रक्षा, अंतरिक्ष एवं सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को लेकर भी बातचीत हुई.