नारदा स्टिंग केस: टीएमसी नेताओं को नजरबंद रखे जाने के HC के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआई

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कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा 21 मई को नारदा घोटाला मामले के आरोपी टीएमसी के चार नेताओं को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने की बजाए हाउस अरेस्ट करने और मामले को बड़ी पीठ के पास भेजने के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। दरअसल सीबीआई ने कोलकाता हाईकोर्ट में पांच सदस्यीय पीठ के समक्ष इन आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सोमवार को होने वाली सुनवाई को स्थगित करने वाले आवेदन में कहा है कि उसने 21 मई के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस आधार पर सीबीआई ने हाईकोर्ट में आज होने वाली सुनवाई को हटाने की मांग की है।

आरोपियों को अंतरिम जमानत देने पर जजों में सहमति नहीं
21 मई को हाईकोर्ट की खंडपीठ के जजों में आरोपियों को अंतरिम जमानत देने के मामले में अलग-अलग राय थी। जहां एक जज का कहना था कि आरोपियों को अंतरिम जमानत दी जानी चाहिए, वही दूसरे जज की राय बिल्कुल उलट थी। यही वजह थी कि खंडपीठ ने सभी आरोपियों को हाउस अरेस्ट में भेजने का निर्णय लिया था। साथ ही खंडपीठ ने इस मामले को बड़ी पीठ के पास भेज दिया था।

सीबीआई ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी और कहा था कि वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी मांग को ठुकरा दिया था। मालूम हो कि 17 मई को सीबीआई ने टीएमसी नेता फरियाद हाकीम, सुब्रतो मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी को नारदा घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था।