म्यांमार हिंसा: सेना के ‘ख़ूनी संघर्ष’ में 100 से ज़्यादा लोगों की मौत, प्रदर्शनकारियों की हत्या से भी नहीं टूटा विरोध, सड़कों पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारी

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myanmar civil war
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म्यांमार में रविवार को भी हजारों प्रदर्शनकारियों ने लोकतंत्र वापसी की मांग करते हुए सड़कों पर उतरकर सैन्य तानाशाही का विरोध जताया, जबकि महज एक दिन पहले सुरक्षा बलों ने 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को अपनी गोलियों का निशाना बनाया था। पिछले महीने सैन्य तख्तापलट के बाद इस सबसे बड़े नरसंहार के बावजूद प्रदर्शनकारियों का विरोध नहीं थमना बेहद अहम माना जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों ने देश के दो सबसे बड़े शहरों यांगून और मांडले में रविवार को सड़कों पर उतरकर जबरदस्त प्रदर्शन किया। कई अन्य शहरों में भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे। एक दिन पुरानी हिंसा के बावजूद रविवार को भी कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस से उलझते और उनका विरोध करते दिखाई दिए।

ऑनलाइन न्यूज सर्विस म्यांमार नाऊ के मुताबिक, शनिवार को सुरक्षा बलों के हाथों कम से कम 114 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई, जिनमें बहुत सारे 16 साल के कम उम्र के बच्चे थे।

म्यांमार के कई अन्य मीडिया संगठनों और शोधकर्ताओं ने भी लगभग इतने ही प्रदर्शनकारियों की मौत की सूची जारी की है, जो 14 मार्च को सुरक्षा बलों के हाथों मारे गए प्रदर्शनकारियों की अब तक की सबसे बड़ी संख्या से कहीं ज्यादा है। फरवरी के पहले सप्ताह में आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार को हटाकर सेना के सत्ता कब्जाने के बाद से अब तक सुरक्षा बल 420 से ज्यादा लोगों की हत्या कर चुके हैं।