म्यूचुअल फंड्स ने निवेशकों को भुगतान करने के लिए लगातार पांचवें महीने स्टॉक मार्केट में तगड़ी बिकवाली की है. पूंजी बाजार नियामक सेबी के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2020 में फंड मैनेजर्स ने इक्विटीज से 14,300 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि निकाल ली. इससे पहले म्यूचुअल फंड्स ने जनवरी-मई 2020 के दौरान स्टॉक मार्केट में 40,000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था.
देश की अर्थव्यवस्था में बनी हुई सुस्ती और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के कारण बने हालात को देखते हुए निवेशक इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से लगातार पैसे निकाल रहे थे. ऐसे में फंड मैनेजर्स को निवेशकों को भुगतान करने के लिए इक्विटीज से पैसे निकालने पड़े. जुलाई-सितंबर 2020 तिमाही के दौरान इक्विटी म्यूचुअल फंड्स से लोगों ने 7,200 करोड़ रुपये निकाले. वहीं, इस दौरान सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान के जरिये इस सेगमेंट में निवेश भी तेजी से गिरता चला गया.
इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के निवेशकों ने मौजूदा आर्थिक हालात में अपने पास नकदी बनाए रखने के लिए जमकर मुनाफावसूली भी की. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अनिश्चितता के माहौल में ज्यादातर निवेशक ऐसा ही व्यवहार करते हैं. ये सामान्य व्यवहार है. जब भी मार्केट क्रैश होने के बाद वापसी करता है तो ज्यादातर इंवेस्टर्स बड़े नुकसान से बचने के लिए बाजार से पैसे निकालने लगते हैं. अक्टूबर में म्यूचुअल फंड्स ने इक्विटीज से कुल 14,344 करोड़ रुपये निकाले. जून 2020 से अब तक फंड मैनेजर्स कुल 37,498 करोड़ रुपये इक्विटीज से खींच चुके हैं.
म्यूचुअल फंड्स ने सितंबर 2020 में इक्विटीज से 4,134 करोड़ रुपये तो अगस्त में 9,214 करोड़, जुलाई में 9,195 करोड़ और जून में 612 करोड़ रुपये की निकासी की. जनवरी-मई 2020 के दौरान म्यूचुअल फंड्स की ओर से इक्विटीज में किए गए 40,000 करोड़ के शुद्ध निवेश में से 30,285 करोड़ रुपये सिर्फ मार्च 2020 में लगाए गए थे. उम्मीद की जा रही है कि चालू वित्त वर्ष के आखिर तक आर्थिक हालात में सुधार होने पर निवेशक वापस इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की ओर लौट आएंगे.