कोरोना वैक्सीन पर बंटा मुलायम परिवार, अपर्णा ने कहा डॉक्टर्स और वैज्ञानिक लोगों की बेइज्जती ना करे

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कोरोना वैक्सीन पर मुलायम परिवार बंटा हुई नजर आ रहा है। मुलायम सिंह यादव की बहु अपर्णा यादव ने जो बयान दिया है, वो अखिलेश यादव को सीधा जवाब लगता है। अपर्णा यादव ने कहा कि है कोरोना वैक्सीन देश की उम्मीद है और इसे किसी पार्टी से जोड़ना वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का अपमान है। आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन को बीजेपी का बता दिया था। अखिलेश यादव ने कहा था कि वो बीजेपी की वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। इसे लेकर अब अपर्णा यादव का बेहद अहम बयान सामने आया है।

अपर्णा यादव ने कहा, “भारत के जितने भी वैज्ञानिक और डॉक्टर्स हैं, उनकी शोध को मैं किसी पार्टी से लिंक अप नहीं करना चाहती हूं। इसपर बहुत ज्यादा टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। कोविड वैक्शीन पूरे विश्व के लिए है। भारत ने इसमें एक विजेता और महानायक के रूप में अपना स्थान बनाया है। मुझे नहीं लगता कि इसमें बीजेपी को या किसी पार्टी के लोगों को देना चाहिए। इसपर ऐसा नहीं कहना चाहिए। ये उचित नहीं है। ये किसी पार्टी विशेष का नहीं है। कोई भी रिजीम होती, उसे लगवाना ही पड़ता तो मुझे लगता है कि ऐसी बात बोलकर ये भारत के डॉक्टर्स और वैज्ञानिक लोगों की बेइज्जती करने जैसा है।”

अखिलेश ने कहा था- BJP की कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पिछले शनिवार को कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी का कोरोना टीका नहीं लगवाएंगे और उनकी सरकार आने पर सभी को नि:शुल्क टीका लगेगा। उनके इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे देश के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों का अपमान बताया है। यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मैं तो नहीं लगवाऊंगा अभी टीका, मैंने अपनी बात कह दी। वह भी भाजपा लगायेगी, उसका भरोसा करूं मैं। अरे जाओ भई, अपनी सरकार आयेगी तो सबको फ्री वैक्सीन लगेगी। हम बीजेपी का वैक्सीन नहीं लगवा सकते।”

इस पर पलटवार करते हुए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव को टीका पर भरोसा नहीं है और यह देश के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का अपमान है। उन्होंने कहा, ठअखिलेश यादव जी को टीका पर भरोसा नहीं है और उत्तर प्रदेश वासियों को उनपर (अखिलेश यादव) पर भरोसा नहीं है। उनका टीके पर सवाल उठाना, हमारे देश के चिकित्सकों एवं वैज्ञानिकों का अपमान है जिसके लिए उन्हें माफ़ी माननी चाहिए।” उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्री के पद पर रहा हो उसे इस प्रकार का बयान देने से पहले गंभीरता से विचार करना चाहिए।