मन की बात: पीएम मोदी बोले- भारत अब दबाव से नहीं अपनी सोच से चलता है

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    देश में जारी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने रेडियों कार्यक्रम मन की बात के जरीए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के 77वें संस्करण में पीएम मोदी ने कोरोना महामारी, चक्रवात ताउते और यास का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा कि देश की जनता इनसे पूरी ताकत के साथ लड़ रही है। उन्‍होंने इन आपदाओं में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवदेना प्रकट की। पीएम मोदी ने कहा कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है।

    • आज 30 मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से ये सरकार के 7 साल पूरे होने का भी समय है। इन वर्षों में देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मंत्र पर चला है। इन 7 वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वो देश की रही है, देशवासियों की रही है।
    • कोरोना की शुरुआत में देश में सिर्फ एक ही टेस्टिंग लैब थी, लेकिन आज ढाई हजार से ज्यादा लैब काम कर रही हैं। शुरू में कुछ सौ टेस्ट एक दिन में हो पाते थे, अब 20 लाख से ज्यादा जांच एक दिन में हो रही है। अबतक देश में 33 करोड़ से अधिक मनूनों की जांच की जा चुकी है।
    • इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया है। किसानों ने रिकॉर्ड उत्पादन किया, तो इस बार देश ने रिकॉर्ड फसल खरीदी भी की है । इस बार कई जगहों पर तो सरसों के लिए किसानों को एमएसपी से भी ज्यादा भाव मिला है। किसान-रेल अब तक करीब -करीब 2 लाख टन उपज का परिवहन कर चुकी है। अब किसान बहुत कम कीमत पर फल, सब्जियां, अनाज, देश के दूसरे सुदूर हिस्सों में भेज पा रहा है।
    • देश पूरी ताकत के साथ कोरोना से लड़ रहा है, पिछले 100 वर्षों में ये सबसे बड़ी महामारी है। इसी महामारी के बीच भारत ने अनेक प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है। मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है। हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मजबूती से खड़े हैं जिन्होंने इस आपदा का नुकसान झेला है।
    • विपदा की इस कठिन और असाधारण परिस्थिति में चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों ने जिस प्रकार से साहस का परिचय दिया है। उसके लिए मैं आदरपूर्वक सभी नागरिकों की सराहना करना चाहता हूं। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताकत से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की।