आसमान में डगमगाया ममता बनर्जी का विमान, बंगाल की CM बोलीं- 10 सेकेंड की देरी से हो सकता था बड़ा हादसा

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Mamata Banerjee

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लौटने के दौरान ममता बनर्जी का चार्टर्ड प्लेन हादसे का शिकार होते बच गया। मामला पिछले शुक्रवार का है, जब ममता समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के साथ चुनाव प्रचार करने के बाद कोलकाता लौट रही थीं।

ममता ने इस घटना पर सोमवार को पहली बार बयान दिया। ममता ने घटना के पीछे बड़ी साजिश का आरोप लगाया है। ममता ने इस बात से साफ इन्कार किया कि खराब मौसम के कारण ऐसा हुआ था। ममता ने दावा किया कि दूसरे विमान के सामने आ जाने की वजह से ऐसी खतरनाक स्थिति पैदा हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि 10 सेकेंड की देर हो गई होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। पायलट की सूझबूझ के कारण विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गया।

सिविल एविएशन डिपार्टमेंट ने बताया था ‘टर्बुलेंस’
घटना को लेकर बंगाल सरकार ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से रिपोर्ट मांगी थी। ममता ने कहा कि आसमान में जिस स्तर पर उनका विमान था, उसी स्तर पर एक और विमान आमने-सामने आ गया था। पायलट ने दक्षता का परिचय देते हुए विमान को 8,000 फीट नीचे उतारा था। इसी कारण दुर्घटना होते-होते बची थी। उसकी वजह से उन्हें चोट लगी थी। उनकी कमर में अभी भी दर्द हो रहा है।

क्या है पूरा मामला
ममता बनर्जी पिछले शुक्रवार को वाराणसी एयरपोर्ट से अपने चार्टर्ड विमान से लौट रही थीं। इस दौरान उनका विमान कथित तौर पर एक एयर पॉकेट से टकराकर डगमगा गया था। हालांकि पायलट प्लेन पर नियंत्रण रखने में कामयाब रहा और बड़ा हादसा होने से बच गया।

बाद में कोलकाता एयरपोर्ट पर प्लेन की सुरक्षित लैंडिंग कराई थी। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पीठ में चोट आई थी। तृणमूल कांग्रेस ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है। राज्य सरकार ने डीजीसीए से यह भी जानना चाहा है कि क्या विमान जिस मार्ग पर उड़ान भर रहा था, उसके लिए पूर्व में अनुमति ली गई थी।

टीएमसी ने की जांच की मांग
ममता बनर्जी वाराणसी समाजवादी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करने गई थीं। तृणमूल के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। एविएशन के नजरिए से डीजीसीए को इसकी उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए। इसके अलावा जेड श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त मुख्यमंत्री की सुरक्षा के नजरिए से केंद्र को इसकी अलग से भी जांच करानी चाहिए।

यह विमान ‘दसॉल्ट फाल्कन 2000’ है, जो 10.3 टन वजनी हल्का विमान है। यह दो फ्लाइट अटेंडेंट को मिलाकर कुल 19 लोगों को ले जाने की क्षमता रखता था।