उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह चुनावी परिणाम लोगों के फैसले को नहीं दर्शाते हैं. ममता बनर्जी इसकी वजह भी बताती हैं. उन्होंने कहा कि मशीनों में हेरफेर किया गया. जगह-जगह गलत जगहों पर, सड़कों पर EVM मिलीं. EVM मिलने के बाद फोरेंसिक परीक्षण क्यों नहीं किया गया. ममता ने कहा कि मैंने चुनावों में इस्तेमाल की गई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) के फोरेंसिक परीक्षण की मांग की थी.
विधानसभा में मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, “यह लोगों का फैसला नहीं है. भाजपा ने वोटों में हेरफेर किया और चार राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर) में जीत हासिल की.” उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश में ईवीएम लूट की घटनाएं हुई हैं. बनारस के जिलाधिकारी का तबादला कर दिया गया है. यह मुझे अखबारों से पता चला है. उसके बाद ईवीएम का फोरेंसिक परीक्षण क्यों नहीं हुआ?”
समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव के पक्ष में उत्तर प्रदेश में प्रचार करने वाली बनर्जी ने कहा, “अखिलेश को हार मानने के लिए मजबूर किया गया है. लेकिन यह लोगों का फैसला नहीं है. यह यांत्रिक (मैकेनिकल) हेरफेर का फैसला है.” मुख्यमंत्री ने यादव को सांत्वना भी दी और निराश न होने की सलाह दी. तृणमूल कांग्रेस की सर्वोच्च नेता ने कहा, “यह सभी चीजों का अंत नहीं है. उन्होंने कुछ राज्यों को ही जीता है और वे ऐसा व्यवहार कर रहे हैं, जैसे कि वे लोकसभा चुनाव जीत गए हैं. यह सही नहीं है. 2024 का चुनाव इतना आसान नहीं होगा.”
सभी समान विचारधारा वाले दलों को भाजपा से लड़ने के लिए गठबंधन बनाने के लिए आमंत्रित करते हुए बनर्जी ने कहा, “कांग्रेस पर निर्भर रहने का कोई कारण नहीं है. हमें भाजपा को हराने के लिए एक बेहतर विकल्प की तलाश करनी होगी.”