नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने किया निकाह, ट्विटर पर साझा कीं तस्वीरें

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मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) ने निकाह कर लिया है. मलाला ने स्वयं ट्वीट करके यह जानकारी दी. उन्होंने लिखा. आज मेरे जीवन का एक अनमोल दिन है. अस्सर और मैं शादी के बंधन में बंधकर जीवन साथी बन गए हैं. हमने बर्मिंघम में अपने परिवारों के साथ घर पर ही एक छोटे से निकाह समारोह का आयोजन किया. कृपया हमारे लिए दुआ कीजिए. हम अपने आगे के सफर को लेकर उत्साहित हैं.

लड़कियों की शिक्षा के लिए सबसे बड़े चेहरे के रूप में उभरकर आई मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) को साल 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है. गौरतलब है कि अक्टूबर 2012 में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात की घाटी में जिस समय मलाला अपनी साथियों के साथ स्कूल जा रही थीं, उस समय तालिबानियों ने उनकी बस को रोक लिया था. एक बंदूकधारी ने मलाला से उनका नाम पूछकर सिर में गोली मारी थी. इसके बाद से मलाला मानव अधिकारों की ग्लोबल सिंबल बन गई और खासतौर पर लड़कियों की शिक्षा के लिए एक मुखर कैंपेनर के रूप में सामने आईं.

सिर पर गोली लगने के बाद मलाला का इलाज ब्रिटिश सिटी बर्मिंघम में किया गया था, बाद में उन्होंने यहीं से अपनी स्कूलिंग पूरी की. साल 2014 में मलाला को भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. मलाला यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान भी उन्होंने अपनी कैंपेनिंग जारी रखी.

इसी साल यानी डिजिटल तरीके से आयोजित हुए जयपुर साहित्य महोत्सव (Jaipur Sahitya Mahotsav) में अपनी किताब ‘आई एम मलाला : द स्टोरी ऑफ द गर्ल हू स्टुड अप फॉर एजुकेशन एंड शॉट बार्ड बाई द तालिबान’ पर अपनी बात रखी. साहित्य महोत्सव के समापन दिवस 28 फरवरी 2021 को मलाला यूसुफजई (Malala Yousafzai) कहा, भारत (India) और पाकिस्तान (India-Pakistan) को ‘‘अच्छे दोस्त’’ बनते देखना उनका सपना है. उन्होंने कहा, दोनों देशों के लोगों को सीमाओं के अंदर रखने की नीति अब काम नहीं करती है. भारत-पाकिस्तान के लोग शांति से रहना चाहते हैं.

मलाला ने कहा, अल्पसंख्यकों को हर देश में सुरक्षा की आवश्यकता है, फिर चाहे वह पाकिस्तान हो या भारत, यह मुद्दा धर्म से जुड़ा नहीं है, बल्कि अधिकारों के हनन से जुड़ा है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए. मलाला ने कहा, भारत और पाकिस्तान के असली दुश्मन ‘‘गरीबी, भेदभाव और असमानता’’ हैं, दोनों देशों को एक-दूसरे से लड़ने की बजाय एकजुट होकर इन दुश्मनों का मुकाबला करना चाहिए.