महाकुंभ 2021: इस बार कुंभ पर कोरोना का साया, अतीत में भी महामारी से कई बार जूझता रहा है कुंभ

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आत्मशुद्धि के अनुभव के दुर्लभ अवसर कुंभ पर इस बार कोरोना का साया मंडरा रहा है। हालात चिंतानजक इसलिए हैं कि अभी तक इस मर्ज का पुख्ता इलाज सामने नहीं आया है और हाईकोर्ट ने सरकार से इस कुंभ में संक्रमण को रोकने की तैयारी सहित कार्ययोजना मांगी है।

कुंभ तो कई बार महामारी से जूझता रहा है। बीते वक्त में एहतियात और सख्ती से संक्रमण रोकने में सफलता भी मिली है। आज जरूरी है अतीत से सबक लेकर आने वाले जगत के सबसे बड़े मानव जमावड़े में जरूरी कदम उठाए जाएं, जिससे संक्रमण भी न फैले और आस्था को कोई चोट भी न पहुंचे।

हरिद्वार में होने वाले कुंभ के लिए प्रशासन अभी से ऐसी गाइडलाइन तैयार करने में जुटा है कि मेला भी सफलतापूर्वक आयोजित हो जाए और तीर्थयात्रियों की आस्था भी प्रभावित न हो। अभी तक मेले में भीड़ को नियंत्रित करने अर्थात स्नानार्थियों की संख्या कम करने के उपायों पर विचार किया जा रहा है।

यह संभव तो है, लेकिन आने वाले स्नान पर्व पर हालात बदल सकते हैं। दो दशक पहले की स्थिति के दौरान गुजरे सभी कुंभ और अर्द्ध कुंभ के दौरान कई में हुई हैजा महामारी ने लाखों लोगों को निगल लिया था। बावजूद इसके तीर्थ यात्रियों की गंगा में पुण्य की डुबकी लगानेे की आस्था नहीं डिगी। प्रशासन के सामने इसी आस्था को बनाए रखना बड़ी चुनौती है। यही एक ऐसा पर्व है जिसमे भीड़ का रेला अचानक बढ़ता है।