लखनऊ की अदाकारा सिमरन निशा ने रंगमंच से शुरू किया था सफर, अब फिल्मों में अभिनय कर बड़ी स्क्रीन पर मचा रही धमाल

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    कहते हैं कि कुछ कर गुजरने का जुनून हो, तो इंसान मंजिल तक पहुंच ही जाता है। रंगमंच से अपनी कला का जादू बिखेरने वाली अदाकारा सिमरन निशा इसकी एक मिसाल हैं, अभिनेत्री सिमरन निशा एक साहसी वुमन की नजीर हैं, जिसने अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने का फैसला किया। बचपन में हिजाब की ओट से दुनिया देखने का सपना बुनने वाली यह मुस्लिम अदाकारा ने तमाम रूढ़ियों के खिलाफ जाकर अपनी किस्मत लिखी।

    अभिनेत्री सिमरन निशा (Simran Nisha) ने BHN न्यूज़ से खास बातचीत की और उन्होंने कई सारी बातें शेयर की..अपने करियर की शुरुआत में सामने आई कठिनाइयों के बारे में जिक्र करते हुए अभिनेत्री ने बताया- मुस्लिम समाज में एक लड़की को अभिनय के चेत्र में जगह बनाना बहुत ही चुनौतियों भरा होता है, अपनों का विरोध सबसे बड़ी चुनौती होती है, ऐसे में, अगर आपकी राय किसी ऐसी चीज के खिलाफ होती है, जिसमें सब यकीन करते हैं, तो बहुत मुश्किलें आती हैं। आपको उसका परिणाम भी भुगतना होता है, लेकिन आपको तय करना होता है कि आप किसमें यकीन रखते हैं, आप जिंदगी में क्या पाना चाहते हैं। कड़ी मेहनत, थोड़ी किस्मत और फोकस हो, तो आप जहां चाहें पहुंच सकते हैं।

    अभिनेत्री आगे बताती है कि -जब मैंने मॉडलिंग करने का फैसला किया तो सब मेरे खिलाफ थे, अम्मी-अब्बू ने मॉडलिंग करियर का वरोध किया, काफी दिनों तक मुझसे बात भी नहीं की। मैंने पहले अम्मी को समझाया और मॉडलिंग शुरू की, उसके बाद रंगमंच और फिल्मो में काम करना शुरू किया। करीब सात साल की मेहनत के बाद मेरी पहली फिल्म आई, मेरी सफलता को देखने के बाद परिवार ने भी मुझे सपोर्ट करना शुरू कर दिया।

    थिएटर से फिल्मों तक का सफर तय करने वाली सिमरन निशा ने बताया कि रंगमंच ने उन्हें बहुत कुछ सिखाया है। थिएटर की एक कार्यशाला से अपनी शुरुआत करने वाली सिमरन ने अपना पहला नाटक हसीना मान जाएगी लखनऊ फेस्टिवल में किया। उनकी अदाकारी को देखकर सभी बड़े रंगकर्मियों ने उनकी सराहना की, रंगमंच के साथ टीवी और फिल्मों में अपनी अदाकारी के जलवे बिखेरे। नवाजुद्दीन के साथ फिल्म बाबू मोशाय बंदूकबाज व अजय देवगन की फिल्म रेड में वह बड़ी स्क्रीन पर नजर आईं। फिल्म मुल्क, छोटे नवाब में काम किया। टीवी पर धारावाहिक घूमती नदी के अलावा कई शॉर्ट फिल्म और विज्ञापन किए। वह बताती हैं कि रास्ता तो मिल गया, लेकिन मंजिल अभी दूर है।

    रंगमंच में प्रतिभा दिखाने के बाद उन्होंने ने Raid (रेड), Mulk (मुल्क़), Babumoshai Bandookbaaz (बाबूमोशाय बन्दूकबाज़), Dhoort (धूर्त) जैसी फिल्मो में काम करने अवसर प्राप्त हुआ।