नीतीश पर एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का एक बार फिर हमला – मैं जमूरा तो मदारी कौन? ये पीएम का अपमान

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एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार चुनाव में अलग राह चुनकर सियासी ट्विस्ट दे दिया है. वो लगातार पुराने सहयोगी नीतीश कुमार को घेर रहे हैं. उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं, जेल भेजने की बात कर रहे हैं. मंगलवार को चिराग पासवान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर नीतीश पर निशाना साधा.

नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाने का साथ ही चिराग ने अपने ऊपर की जा रही व्यक्तिगत टिप्पणियों पर भी नीतीश कुमार और जेडीयू को जवाब दिया. चिराग ने कहा कि मुझे जमूरा कहा जा रहा है. अगर मैं जमूरा हूं तो मदारी कौन है? मुझे ये कहा जा रहा है कि मैं प्रधानमंत्री के इशारे पर काम कर रहा हूं. यानी अगर आप मुझे जमूरा कह रहे हैं तो आप किसका अपमान कर रहे हैं. आप मुझे जमूरा कहकर प्रधानमंत्री का अपमान कर रहे हैं.

जांच की बात से ही डर गए नीतीश

नीतीश कुमार सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए चिराग पासवान ने कहा, ”जांच और जेल की बात सुनते ही कुछ लोगों को घबराहट हो गई है. अभी तो सिर्फ जांच की बात की है, उससे ही परेशान हो गए. अगर नीतीश कुमार को लगता है कि उनकी नाक के नीचे भ्रष्टाचार होता गया और उन्हें पता नहीं लगा तो शायद 12 करोड़ बिहारियों में एक मात्र व्यक्ति मुख्यमंत्री जी हैं जिन्हें भ्रष्टाचार का पता नहीं है.”

चिराग ने कहा कि बिहार का शायद ही कोई व्यक्ति हो जो ये न कहता हो कि 7 निश्चय में घोटाला न हुआ है. लोग कहते हैं कि ये योजना बिहार का सबसे बड़ा घोटाला है. लोग यहां तक बोल रहे हैं कि 40 प्रतिशत का कमीशन गया है. काम की गुणवत्ता का पता नहीं है. टंकिया फट रही हैं. चिराग ने कहा कि एक मुख्यमंत्री का 15 साल का कार्यकाल रहा है, वो भ्रष्टाचार के आरोप में सजा काट रहे हैं. अगर आप(नीतीश) भी भ्रष्टाचार कर रहे है

बनेगा सीतामढ़ी में मंदिर

चिराग पासवान सीता मंदिर का मुद्दा भी लगातार उठा रहे हैं. चिराग ने कहा कि सीतामढ़ी से मैं संकल्प लेकर आया हूं कि वहां माता सीता का भव्य मंदिर बनेगा. मेरे लिए ये आस्था के साथ ही नारी स्वाभिमान का भी प्रतीक है. अयोध्या और सीतामढ़ी के बीच सियाराम नाम से कॉरिडोर बनाया जाएगा. मंदिर निर्माण होता है तो पर्यटन भी बढ़ेगा. इससे रोजगार भी मिलेगा. चिराग ने कहा कि रोजगार बिहार चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा है. और धार्मिक पर्यटन रोजगार देने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता है.

क्यों न हो शराबबंदी की समीक्षा?

चिराग पासवान ने कहा कि जब बिहार में शराब की होम डिलीवरी तक हो रही है तो फिर क्यों न शराबबंदी की समीक्षा की जाए. चिराग ने दावा किया कि नए तस्कर बन रहे हैं. पहले शराब बिक्री से राजस्व आता था, अब ब्लैक में बिक रही है तो ये पैसा किसके पास जा रहा है. चिराग ने कहा कि शराब बिक रही है, इसमें किसी बिहारी को शक नहीं है. चिराग ने कहा कि मैं शराबबंदी के समर्थन में हूं, लेकिन इसकी समीक्षा होनी चाहिए.