सरकार ने करोड़ों पॉलिसीधारकों की बढ़ाई चिंता, बिकेगा LIC का इतना हिस्सा, 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार बजट पेश करने के दौरान एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया है. हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार इसमें आईपीओ लेकर आएगी. बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि दो और बैंक का निजीकरण किया जाएगा. ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि किस बैंक का निजीकरण किया जाएगा. वहीं, देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को भी सरकार बेचने जा रही है.

दरअसल मोदी सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. एलआईसी की हिस्सेदारी बेचनी की खबर से पॉलिसीधारकों में बड़ी हलचल मच गयी है. हालांकि यह पहली बार नहीं हो रहा है, जब पॉलिसीधारकों में ऐसी स्थिति देखने के लिए मिल रही है.

लोग एलआईसी में निवेश को सबसे सुरक्षित मानते हैं और यही कारण है कि इसकी पॉलिसी लोग बिना कोई परेशानी के खरीदते हैं.

इस फैसले के बाद एलआईसी के 25 करोड़ ग्राहकों की चिंता बढ़ गई है. लेकिन जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से पॉलिसीधारकों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

एलआईसी का आईपीओ नए वित्त वर्ष की दूसरी छमाही यानी अक्टूबर के बाद आने की संभावना है. इसकी जानकारी निवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने दी.

सरकार इस वित्त वर्ष में शिपिंग कॉर्प ऑफ इंडिया, और दो अन्य सार्वजनिक बैंक को भी बेचना चाहती है. तुहिन कांत पांडेय ने कहा कि सरकार ने वित्त विधेयक के माध्यम से भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी के विनिवेश के लिये आवश्यक विधायी संशोधन पेश किये हैं. मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को मुश्किलों से बाहर निकालने के लिए अगले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड पूंजीगत व्यय का लक्ष्य रखा है.