LIC की लिस्टिंग हुई आसान, बाजार नियामक सेबी ने IPO से जुड़े कुछ नियमों में किया बदलाव

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बुधवार को आईपीओ के नियमों में संशोधन कर दिया है. सेबी ने कहा कि अब कोई कंपनी मौजूदा 10 फीसदी के बजाय 5 फीसदी हिस्सेदारी आईपीओ के जरिए बेच सकती है. इसके साथ ही उन्हें लिस्टिंग के बाद तीन साल के बजाय 5 साल का वक्त मिलेगा ताकि वो कंपनी में मिनिमम पब्लिक होल्डिंग बढ़ाकर 25 फीसदी तक कर सके. इसका मतलब है कि 5 साल में 25 फीसदी हिस्सेदारी ओपन मार्केट में बेचनी होगी.

बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2021 में सेबी एक्ट में कुछ बदलाव की बात कही थी. वित्त मंत्री ने कहा था कि जो अलग-अलग वर्षों में जो एक्ट लागू किये गए, उनको एक एक्ट के रूप में सामने लाया जाएगा. इसमें सेबी एक्ट 1992, सिक्योरिटी एक्ट, गवर्नमेंट सिक्योरिटी एक्ट 2007 और अन्य एक्ट की बात है. वित्त मंत्री ने बजट में कहा कि इन्वेस्टर्स चार्टर का गठन करने का भी प्रस्ताव है.

सेबी ने एक रिलीज जारी करके कहा, “जिन कंपनियों का मार्केट कैप इश्यू लाने के बाद 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा होगा वो 10 फीसदी के बजाय 5 फीसदी स्टेक आईपीओ के जरिए जारी कर सकती हैं. लिस्टिंग के बाद अगले दो साल में कंपनी को 10 फीसदी की मिनिमम पब्लिक शेयर होल्डिंग हासिल करनी होगी.

बता दें कि भारतीय बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों की बड़ी संख्या और एफपीआई के अंतर्गत संपत्ति का लगभग एक तिहाई भाग अमेरिका से मिलता है. मौजूदा स्थिति में इक्विटी सेगमेंट में 1,07,365 करोड़ रुपये का विदेशी पोर्टफोलियो निवेश है, जिसमें से 30 फीसदी अमेरिका के वित्तिय बाजारों से संबधित है.

इन नियमों में बदलाव से देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) का आईपीओ लाने में आसानी होगी. फिस्कल ईयर 2021-2022 में सरकार एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी बेचकर फंड जुटाने की तैयारी में है. सरकार एलआईसी में हिस्सेदारी बेचकर फिस्कल डेफेसिट कम करना चाहती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कदम से एलआईसी जैसी बड़ी कंपनियों को IPO लाने में आसानी होगी.

इस साल एलआईसी का आईपीओ लाने का प्लान बना रही है. अक्टूबर तक सरकार इसका IPO ला सकती है. बता दें कि पिछले साल ही एलआईसी का आईपीओ आना था, लेकिन कुछ वजहों से इसमें देरी हुई. माना जा रहा है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से एलआईसी का आईपीओ आने में देरी हुई है. पॉलिसीधारककों के लिए एलआईसी आईपीओ का 10% तक का हिस्सा आरक्षित रहेगा. सरकार इस आईपीओ के माध्यम से 80,000 करोड़ रुपए तक की राशि एकत्र करने का लक्ष्य लेकर चल रही है.