Corona Update: देश में एक दिन के भीतर सामने आए कोरोना वायरस के 8306 नए केस, सक्रिय मामलों की संख्या 1 लाख से कम

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भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 8,306 नए मामले सामने आए हैं. सोमवार को जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान 8,834 रिकवरी भी दर्ज की गई हैं. देश में इस समय सक्रिय मामलों की संख्या 98,416 है. जो पिछले 552 दिनों में सबसे कम है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, भारत में कल कोरोना वायरस के लिए 8,86,263 सैंपल टेस्ट किए गए, कल तक कुल 64,82,59,067 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं.

दूसरी तरफ देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron Variant Cases) के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. राजस्थान के जयपुर में 9 नए मामलों की पुष्टि हुई है. महाराष्ट्र के पुणे में भी सात लोग इस नए वेरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं. इनमें से तीन लोग नाइजीरिया से आए हैं. संक्रमित लोगों में एक 44 वर्षीय महिला और उसकी 18 और 12 साल की दो बेटियां शामिल हैं, जो 24 नवंबर को नाइजीरिया के लागोस से पिंपरी-चिंचवड में अपने भाई से मिलने आई थीं. 45 वर्षीय भाई और उसकी ढाई साल की और सात साल की बेटियां भी ओमीक्रॉन से संक्रमित पाई गई हैं.

वैक्सीनेशन के बावजूद वेरिएंट से संक्रमण
इसके अलावा एक 47 वर्षीय व्यक्ति भी पुणे में ऑमीक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मिला है. उसने हाल ही में फिनलैंड की यात्रा की थी. पॉजिटिव पाए गए लोगों में से चार का पूरी तरह टीकाकरण हो चुका था (India Omicron Variant Cases). जबकि तीन अन्य लोग नाबालिग हैं. इसके साथ महाराष्ट्र में ओमीक्रॉन के कुल मामले आठ हो गए हैं. जिससे भारत में कुल ओमीक्रॉन मामलों की संख्या 21 तक पहुंच गई है. महाराष्ट्र और राजस्थान के अलावा, दिल्ली में भी ओमीक्रॉन का पहला मामला सामने आया है. इससे पहले, महाराष्ट्र के डोंबिवली, गुजरात के जामनगर और कर्नाटक में दो मामले पाए गए थे.

किन राज्यों में मिले ओमीक्रॉन के मामले?
भारत में ओमीक्रॉन वेरिएंट के मामले अब तक दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में सामने आए हैं. जिससे ये संख्या 20 से अधिक हो गई है. इस बीच एक राहत भरी खबर ये है कि देश की 50 फीसदी वयस्क आबादी का पूरा टीकाकरण हो गया है (Omicron Cases in Which Indian States). कर्नाटक की सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए आदेश दिया है कि 3 से अधिक मामलों वाले क्षेत्रों को क्लस्टर के रूप में वर्गीकृत किया जाए.