दो बार की ओलिंपिक पदक विजेता भारत की स्टार महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु (PV Sindhu) एक बार फिर फाइनल में आकर खिताब जीतने से चूक गईं. सिंधु को रविवार को बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर फाइनल्स (BWF World Tour Finals) के खिताबी मुकाबले में दक्षिण कोरिया की आन सेयंग (An Seyoung) ने 21-16, 21-12 से हरा ये मैच अपने नाम किया. सिंधु ने टोक्यो ओलिंपिक-2020 में कांस्य पदक जीता था. लेकिन इसके बाद से वह कोई भी खिताब अपने नाम नहीं कर सकी हैं. इससे पहले इंडोनेशिया ओपन के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी लेकिन जीत हासिल नहीं कर सकी थीं. उन्होंने विश्व टूर फाइनल्स में शानदार खेल दिखाते हुए फाइनल में जगह बनाई थी लेकिन खिताब मुकाबला अपने नाम नहीं कर सकीं और रजत पदक से ही उन्हें संतोष करना पड़ा.
सेयंग ने इससे पहले इंडोनेशिया मास्टर्स और इंडोनेशिया ओपन के खिताब जीते थे. उन्होंने अक्टूबर में डेनमार्क ओपन के क्वार्टर फाइनल में भी सिंधू को हराया था. यह तीसरा अवसर था जबकि सिंधु टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची थीं. वह 2018 में खिताब जीतकर यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय बनी थीं.
शुरू से रही हावी
19 साल की कोरियाई खिलाड़ी के शानदार खेल का सिंधु के पास कोई जवाब नजर नहीं आ रहा था. वह जिस आक्रामकता से सिंधु पर हावी थीं उसके सामने भारतीय खिलाड़ी असहाय सी नजर आ रही थीं. आन सेयंग ने पहले गेम में शुरुआत से ही अपनी पकड़ मजबूत रखी. ब्रेक तक उन्होंने 11-6 की बढ़त ले ली थी. हालांकि ब्रेक के बाद सिंधु ने उन्हें खूब परेशान किया और लगातार अंक लिए. सिंधु एक समय 8-18 से पीछे थीं लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने अंकों के अंतर को पाटा और चार गेम प्वाइंट बाचते हुए स्कोर 16-20 कर लिया. आन पहला गेम अपने नाम करने से सिर्फ एक अंक दूर थीं जो उन्होंने ले ले लिया और गेम अपने नाम किया.
ऐसा रहा दूसरा गेम
दूसरे गेम की शुरुआत सिंधु ने अच्छी की और लगातार दो अंक ले लिए. आन ने फिर लगातार दो अंक ले स्कोर बराबर कर लिया. दूसरे गेम में दोनों के बीच बराबर की टक्कर चलती रही. स्कोर 3-3 और फिर 4-4- हो गया. कोरियाई खिलाड़ी ने बार-बार आगे निकलने की कोशिश की लेकिन सिंधु तुरंत बराबरी कर लेती. स्कोर 6-6 था. यहां से कोरियाई खिलाड़ी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और स्कोर 9-6 कर लिया. ब्रेक में वे 11-8 के स्कोर के साथ गईं. ब्रेक के बाद कोरिया खिलाड़ी फिर हावी हो गईं. उन्होंने आते ही लगातार तीन अंक लिए और स्कोर 15-8 कर लिया. यहां से कोरियाई खिलाड़ी ने सिंधु को वापसी का कोई मौका नहीं दिया. सिंधु ने कुछ अंक जरूर लिए लेकिन वे सिर्फ अंकों के अंतर को कम करने वाले साबित हुए. अंततः सिंधु एक बार फिर खिताब जीतने से चूक गईं.