किसान महापंचायत में राकेश टिकैत बोले – खेती-किसानी ही नहीं बल्कि शिक्षा, चिकित्सा और संविधान भी खतरे में, सरकार को देनी होगी वोट से चोट

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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जीआईसी मैदान में आज किसान महापंचायत जारी है। देशभर से हजारों किसानों का सैलाब इसमें हिस्सा लेने के लिए पहुंचा है। महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। राकेश टिकैत ने कहा कि हम शहीद हो जाएंगे लेकिन मोर्चा डटा रहेगा हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को गन्ने का भाव 450 रुपये कुंतल चाहिए। कृषि बिलों की वापसी तक किसान गाजीपुर बार्डर से घर नहीं जाएंगे। महापंचायत के मंच से सरकार विरोधी नारे लगाए गए हैं। किसान नेताओं ने कहा कि आगामी यूपी और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को उखाड़ फेंकना है। मद्देनजर सुरक्षा की दृष्टि से चप्पे-चप्पे पर पुलिसबल तैनात हैं। इस महापंचायत में देशभर के 300 से ज्यादा सक्रिय संगठन शामिल हुए हैं।

योगेंद्र यादव ने केंद्र और यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि गन्ना मूल्य नहीं बढ़ा, फसल बीमा के नाम पर फरेब किया।दाना दाना खरीदने का वादे पर खरीद नहीं हुई, कर्जमाफी के नाम ढोंग किया और लोगों को धर्म के नाम पर बांट दिया। उन्होंने कहा कि सौ सुनार की अब किसानों ने एक लुहार की चोट मारी है।

आगामी 10 और 11 सितंबर को लखनऊ में तमाम किसान संगठन के पदाधिकारियों की एक अहम बैठक होगी, जिसमें प्रदेश स्तर और जिला स्तर पर संयुक्त मोर्चा बनाए जाने पर मुहर लगाई जाएगी। इलके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ऐलान कर दिया गया है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के तहत 27 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा।

राकेश टिकैत ने कहा कि हम शहीद हो जाएंगे लेकिन मोर्चा डटा रहेगा। हमारा आंदोलन खत्म नहीं होगा। हमें गन्ने का भाव 450 रुपये कुंतल चाहिए। हम गाजीपुर से नहीं उठेंगे। कृषि बिलों की वापसी तक घर नहीं जाएंगे। सरकार को वोट से चोट देनी होगी। इस दौरान टिकैत ने मोदी-शाह को बाहरी बताया। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में मोर्चे की बैठक होगी। जीआईसी मैदान में लगभग दो लाख किसान मौजूद हैं।

महापंचायत के मंच से बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये महापंचायत पूरे देश में होगी। हमें देश को कने से बचाना है। हमारी मांग रहेगी कि देश, किसान, व्यापार और युवा बचे। जब तक सरकार तीनों कानून को वापस नहीं लेगी, तब तक आंदोलन चलता रहेगा। मोदी-योगी की सरकार झूठी है। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई।