मुजफ्फरनगर में महापंचायत: जुटने लगी किसानों की भीड़, बोले – हमें रोका तो बैरियर तोड़ देंगे, यूपी में अलर्ट

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    आज मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत है। इसमें देशभर के किसान जुटने वाले हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे संघर्ष को देखते हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने इस महापंचायत में बड़ा फैसला लेने का एलान किया है।

    महापंचायत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने पूरी योजना बनाई है। इसके तहत ही महापंचायत के लिए पूरा एजेंडा भी तैयार किया गया है, जो कई दौर की बैठक में तय किया गया है। इस एजेंडे को राष्ट्रीय के साथ ही राज्य और स्थानीय मुद्दों में बांटा गया है। राष्ट्रीय मुद्दों में कृषि कानून, एमएसपी व किसान उत्पीड़न जबकि राज्य स्तरीय मुद्दों में मिशन यूपी के तहत गांवों तक पहुंचना और बकाया गन्ना भुगतान, गन्ने का भाव, बिजली के रेट शामिल होंगे। इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा इस महापंचायत से सरकार को अपनी ताकत दिखाकर बातचीत का रास्ता भी खोलना चाहता है।

    संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों के अनुसार इस एजेंडे के बारे में सभी किसान संगठनों के नेताओं को बताया भी गया है। एजेंडे के राष्ट्रीय मुद्दों में कृषि कानून का विरोध, एमएसपी पर कानून बनवाना, भारत बंद को पूरी तरह सफल बनाना व किसान उत्पीड़न बंद कराना होगा। क्योंकि आंदोलन शुरू होने के बाद से किसानों का उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है और हजारों मुकदमे देशभर में अलग-अलग राज्यों में दर्ज हो चुके है।

    सरकार को यह उत्पीड़न बंद करना होगा। इसके साथ ही राज्य स्तर के मुद्दों में मिशन यूपी को सबसे ऊपर रखा गया है, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा सरकार के विरोध में हर गांव स्तर तक जाएगा। इसके लिए व्यापक अभियान चलाने की अपील महापंचायत में होगी। यह सीधे तौर पर यूपी के चुनाव से जुड़ा मुद्दा होगा। इसके साथ ही राज्य स्तर के मुद्दों में मिलों पर बकाया गन्ना भुगतान, गन्ने के रेट बढ़ाना, बिजली के रेट कम कराना शामिल रहेंगे। इनके साथ ही एक स्थानीय मुद्दे को संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने एजेंडे में शामिल किया है।

    इसमें मुजफ्फरनगर दंगे के बाद से बनी खाई को महापंचायत के सहारे पूरी तरह से भरने का प्रयास किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य कहते हैं कि जिस तरह से पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के समय भाईचारे की मिसाल कायम थी, ऐसे ही एकता बनाने के लिए महापंचायत से अपील की जाएगी।

    संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों और सरकार के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है। एक बार गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक हुई थी। संयुक्त मोर्चा व सरकार के बीच आखिरी बातचीत 22 जनवरी को हुई थी। इसके बाद से बातचीत बंद है। इसलिए भी किसानों में गुस्सा बढ़ रहा है। यह माना जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा इस महापंचायत से सरकार पर दबाव बनाकर बातचीत का रास्ता खोलना चाहता है। किसान मोर्चा के सदस्य खुद भी कह रहे है कि अगर सरकार बातचीत के लिए कहती है तो वह तैयार है।

    मुजफ्फरनगर की महापंचायत के लिए संयुक्त किसान मोर्चा का एजेंडा तैयार हो चुका है। इसमें राष्ट्रीय, राज्य व स्थानीय मुद्दों को शामिल किया गया है। राष्ट्रीय मुद्दों में सबसे ऊपर कृषि कानून रदद कराना रहेगा तो राज्य मुद्दों में मिशन यूपी अहम होगा। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा अपने मिशन यूपी को हिंदू-मुस्लिम भाईचारा के साथ चलाना चाहता है, जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के समय में यह भाईचारा था। ऐसे ही एकता बनाने की अपील महापंचायत से होगी।

    हम मिशन यूपी को व्यापक स्तर पर चलाएंगे और उसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा गांव-गांव तक जाएगा। मुजफ्फरनगर की महापंचायत का सबसे अहम मुद्दा यही होगा तो किसानों का उत्पीड़न बंद कराना। साथ ही राज्य के मुद्दे भी शामिल होंगे। यह महापंचायत एतिहासिक होगी और इसके बाद यूपी के अलग-अलग हिस्सों में महापंचायत की जाएगी।

    भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी युद्धवीर सिंह ने कहा कि कितनी ही बारिश हो महापंचायत हर हाल में होगी। कुछ लोग किसानों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। किसान किसी के बहकावे में आने वाला नहीं है। महापंचायत की सारी व्यवस्था पार्किंग से लेकर मंच तक वालिंटियर संभालेंगे।

    जीआईसी मैदान में पंचायत स्थल पर पत्रकारों से वार्ता में युद्धवीर सिंह ने कहा कि मैदान में बारिश से जो पानी भरा था हमारे कार्यकर्ताओं ने निकाल दिया है। मैदान पूरी तरह तैयार है। बारिश फिर से होती है तो भी हमारे कार्यकर्ता तैयार हैं। किसान और बारिश का चोली दामन का साथ है। बारिश से महापंचायत में कोई बाधा नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि जो लोग पंचायत का समय बदलने की बात कर रहे हैं वह भ्रम फैला रहे हैं। कितनी बारिश हो पंचायत हर हाल में होगी। भाकियू के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने महापंचायत की तैयारियों को लेकर बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत का मंच तैयार हो चुका है। किसानों के जत्थे भी पहुंचने लगे हैं।

    महापंचायत की पार्किंग से लेकर जीआईसी मैदान के मंच तक की व्यवस्था भाकियू और संयुक्त किसान मोर्चा के वालिंटियर ही संभालेंगे। पुलिस फोर्स किसानों की जिले और शहर में सुरक्षित एंट्री और उनका सकुशल प्रस्थान तक ही व्यवस्था देखेगी। किसानों को जिले में एंट्री के बाद पंचायत स्थल तक पहुंचाने के लिए वालिंटियर व्यवस्था करेंगे। सभी को आईकार्ड दिए गए हैं, ताकि उनकी पहचान आसान हो सके। भोजन शिविर, भंडारे, पार्किंग, पानी, शौचालय, मीडिया, एंट्री और एग्जिट सभी व्यवस्थाएं वालिंटियरों के हवाले रहेंगी।

    उन्होंने बताया कि महापंचायत के लिए जिले के सभी ब्लाकों के कार्यकर्ता अलग-अलग रूट पर वाहनों की पार्किंग व्यवस्था के लिए लगाए गए हैं। सभी वालिंटियर को कार्ड उपलब्ध करा दिए गए हैं। उन्होंने आगंतुक किसानों से अपील करते हुए कहा कि निर्धारित किए गए वालिंटियर के दिशा निर्देश का पालन करते हुए महापंचायत को सफल बनाने में सहयोग प्रदान करें। मीडिया का कार्य देख रहे दीपक खत्री ने बताया कि महापंचायत में वीआईपी, महिला और किसानों की एंट्री अलग-अलग गेट से होगी।