सरकारी तेल कंपनियों को जबरदस्त झटका लगा है. केरल हाई कोर्ट ने सरकारी तेल कंपनियों को केरल राज्य पथ परिवहन निगम (केएसआरटीसी) बसों को खुदरा मूल्यों पर डीजल उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. केरल हाईकोर्ट ने तेल कंपनियों से बल्क यूजर्स यानि ज्यादा मात्रा में तेल खरीदने वालों से अधिक कीमत नहीं लेने का निर्देश जारी किया है.
न्यायमूर्ति एन नागरेश का यह अंतरिम आदेश केएसआरटीसी की एक याचिका पर आया है. दरअसल याचिका के जरिये सरकारी तेल कंपनियों के उस फैसले को चुनौती दी गई थी जिसमें ज्यादा मात्रा में डीजल खरीदने वालों से खुदरा मूल्य की तुलना में बल्क यूजर्स से ज्यादा दाम पर डीजल बेचने का फैसला किया था. इस मामले में केएसआरटीसी की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता दीपू थंकन ने इस आदेश के बारे में बताया कि, ये अंतरिम आदेश अस्थायी है और यह रिट याचिका के नतीजे पर निर्भर करेगा.
वहीं सरकारी तेल कंपनियों की ओर से पेश हुए वकील पराग त्रिपाठी नेअदालत से कहा कि यह एक कमर्शियल विवाद है और अनुबंध के प्रावधानों के मुताबिक किसी विवाद का हल बातचीत या मध्यस्थता से होना चाहिए. उन्होंने अदालत से कहा कि केएसआरटीसी की रिट याचिका स्वीकार किये जाने योग्य नहीं है.
अदालत में केएसआरटीसी का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और दीपू थंकन ने किया था. उन्होंने सरकारी तेल कंपनियों की दलील का विरोध किया और कहा कि तेल कंपनियों को केएसआरटीसी को खुदरा कीमतों पर डीजल उपलब्ध कराना होगा. ये कंपनियां ज्यादा मात्रा में डीजल खरीदने वालों से मनमाना दाम बढ़ाकर नहीं वसूल सकती हैं.
दरअसल कच्चे तेल के दामों में बारी इजाफे के बावजूद पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकारी तेल कंपनियां चुनावी मजबूरी के चलते दाम नहीं बढ़ा पा रही थीं तो उन्होंने बल्र्क यूजर्स के लिए डीजल के दामों में 25 रुपये प्रति लीटर तक की बढ़ोतरी कर दी. बल्क यूजर्स में राज्य सरकारों की रोडवेज, रेलवे, शॉपिंग मॉल, डीजल से चलने वाली फैक्ट्रियां, हाउसिंग सोसाइटी आतीं हैं.