कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा का जाना लगभग तय, बोले- हाईकमान से मुझे शाम तक सुझाव मिलने की उम्‍मीद

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कर्नाटक में नए मुख्यमंत्री की तलाश जोरों पर चल रही है। मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा का जाना लगभग तय माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी का नाम करीब-करीब तय हो गया है। हालांकि, अभी तक नाम का खुलासा नहीं किया गया है। नए मुख्यमंत्री के नाम पर आज शाम या कल तक फैसला हो जाएगा। राज्य में नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा इस पर कयासबाजी का दौर जारी है। राजनीतिक हलकों में कई लोगों के नाम की चर्चा है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और प्रदेश सरकार में खनन मंत्री एमआर निरानी का नाम आगे चल रहा है। 

 बंगलूरू में मीडिया से बात करते हुए बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि नेतृत्व परिवर्तन पर आलाकमान को फैसला करना है। आज शाम तक तस्वीर साफ हो जाएगी। येदियुरप्पा ने कहा, ‘मैं आलाकमान से सुझाव की उम्मीद कर रहा हूं। आपको भी पता चल जाएगा कि यह क्या होगा। दलित सीएम की नियुक्ति को लेकर आलाकमान निर्णय लेगा। मुझे इसकी चिंता नहीं है।’

सीएम पद की रेस में प्रह्लाद जोशी, निरानी का नाम
इस बीच येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी के तौर पर केंद्रीय कोयला, खनन व संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी और प्रदेश सरकार में खनन मंत्री व उद्योगपति एमआर निरानी का नाम आगे चल रहा है। हालांकि जोशी ने कहा कि उनसे इस बारे में अभी तक शीर्ष नेतृत्व ने कोई बात नहीं की है जबकि निरानी का कहना है कि पार्टी जो भी आदेश देगी, वह उसका पालन करेंगे।

2004 से लगातार धारवाड़ से सांसद 58 वर्षीय जोशी ने कहा कि येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी बनने के बारे में उनसे किसी ने बात नहीं की है। यह केवल मीडिया ही है जो इस बार चर्चा कर रही है। ऐसे में इस पर कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है। सीएम बनाए जाने पर उन्होंने कहा कि वह कभी भी अगर, मगर या काल्पनिक सवालों के जवाब नहीं देते हैं और ऐसे सवालों के जवाब देना भी नहीं चाहते हैं। 

मुख्यमंत्री बनने से लेकर अब तक की राह आसान नहीं रही
कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा के लिए मुख्यमंत्री बनने से लेकर अब तक की राह आसान नहीं रही। हालांकि भाजपा की तरफ से कर्नाटक के अगले सीएम के लिए अभी आधिकारिक तौर पर कुछ भी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन खुद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अब यह स्पष्ट कर दिया था कि राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में उनके दिन गिने-चुने हैं। 

कर्नाटक के सीएम येदियुरप्पा ने कहा कि जब से मैंने मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला, तब तक मुझे प्राकृतिक आपदाओं जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, जिनका सामना राज्य ने पहले कभी नहीं किया था और कोरोना महामारी, जिसने जीवन को तबाह कर दिया था। अब एक बार फिर बाढ़ जैसी आपदा कर्नाटक के सामने है।

भाजपा हाईकमान की तरफ से कोई आधिकारिक तौर पर कोई पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन माना जा रहा है येदियुरप्पा का 26 जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में उनका आखिरी दिन हो सकता है। सीएम येदियुरप्पा ने कहा कि मुझे संतोष है कि इन सब चुनौतियों के बावजूद मैं लोगों के जीवन स्तर और उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए कदम उठा सका हूं। मैं चुनौती का सामना करने में लोगों के समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।

कर्नाटक की राजनीति में येदियुरप्पा काफी बड़ा नाम हैं। येदियुरप्पा का लंबा राजनीतिक जीवन शिकारीपुरा में पुरसभा अध्यक्ष के रूप में शुरू हुआ। पहली बार 1983 में शिकारीपुरा से विधान सभा के लिए चुने गए और वहां से आठ बार जीते। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका चौथा कार्यकाल है।

इस बीच उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। सरकार गिराने में भी उनका नाम आया। यह कार्यकाल विवादों में घिर गया था क्योंकि कई भाजपा नेताओं ने येदियुरप्पा के खिलाफ खुले विद्रोह की घोषणा की थी। 

येदियुरप्पा ने कहा है कि सीएम की कुर्सी छोड़ने के बाद वह पार्टी के लिए काम करेंगे। साथ ही कहा, पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह और नड्डा का मेरे प्रति विशेष प्रेम और विश्वास है। आप जानते हैं कि 75 वर्ष की आयु पार करने वालों को कोई पद नहीं दिया गया है।