कंगना रनौत का एक बार फिर से विवादित बयान-महात्मा गांधी को बताया सत्ता का भूखा और चालाक

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साल 1947 में मिली भारत की आजादी को भीख बताने के बाद एक बार फिर से बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनोट ने विवादित बयान दिया है। इस बार उनके राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर बोल बिगड़ गए हैं। कंगना रनोट ने महात्मा गांधी को सत्ता का भूखा और चालाक बताया है। यह बात अभिनेत्री ने सोशल मीडिया के जरिए कही है। कंगना रनोट सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं।

वह सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय भी रखती रहती हैं। कंगना रनोट ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक के बाद एक तीन पोस्ट लिखे है। एक पोस्ट में उन्होंने सालों पुराने अंग्रेजी अखबार की खबर को शेयर किया है। इस खबर के साथ कंगना रनोट ने कैप्शन में लिखा, ‘या तो आप गांधी के फैन हो सकते हैं या नेताजी के समर्थक। आप दोनों नहीं हो सकते। चुनें और फैसला करें।’

इसके बाद कंगना रनोट ने दो लंबे-चौड़े पोस्ट लिखे हैं, जिसमें उन्होंने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया है। अभिनेत्री ने अपने पहले पोस्ट में लिखा, ‘स्वतंत्रता के लिए लड़ने वालों को उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया, जिनमें अपने ऊपर अत्याचार करने वालों से लड़ने की न तो हिम्मत थी न ही खून में उबाल था। यह सत्ता के भूखे और चालाक लोग थे। यह वही थे जिन्होंने हमें सिखाया अगर कोई आपके एक गाल पर थप्पड़ मारे तो उसके आगे दूसरा गाल कर दो और इस तरह तुमको आजादी मिल जाएगी। इस तरह से आजादी नहीं सिर्फ भीख मिलती है। अपने हीरो समझदारी से चुनें।’

कंगना रनोट ने अपने दूसरे पोस्ट में महात्मा गांधी के फैसलों पर सवाल खड़े करते हुए आगे लिखा है कि गांधी ने भगत सिंह को फांसी दिलवाई। अभिनेत्री ने लिखा, ‘गांधी ने कभी भगत सिंह और नेताजी का समर्थन नहीं किया था। कई सबूत हैं जो इशारा करते हैं कि गांधीजी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए। इसलिए आपको चुनना है कि आप किसके समर्थन में हैं, क्योंकि उन सबको अपनी यादों में एक साथ रख लेना और हर साल उनकी जयंती पर याद कर लेना ही काफी नहीं है।’

कंगना रनोट ने अपने पोस्ट के आखिरा में लिखा, ‘सच कहें तो यह केवल मूर्खता नहीं बल्कि बेहद गैरजिम्मेदाराना और सतही है। लोगों को अपना इतिहास और अपने हीरो पता होने चाहिए।’ इससे पहले कंगना रनोट ने मीडिया के एक कार्यक्रम में कहा था कि 1947 में मिली आजादी भीख थी, देश को असली आजादी तो साल 2014 में मिली है। उनके इस बयान के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है।