Kalpana Chawla Death Anniversary: अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला कल्पना चावला की 19वीं पुण्यतिथि आज, देश कर रहा याद

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    अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना चावला (Kalpana Chawla) की आज पुण्यतिथि है. ये दिन नासा और सारी दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए काफी दुखद दिन है. साल 2003 में आज ही के दिन अमेरिका का अंतरिक्ष शटल कोलंबिया अपना अंतरिक्ष मिशन समाप्त करने के बाद धरती के वातावरण में वापस लौटने के समय दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में यान में सवार सभी 7 अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई थी. भारत की महिला अंतिरक्ष यात्री कल्पना चावला भी इस हादसे का शिकार हुई थीं. आपको बता दें साल 1962 में हरियाणा के करनाल में पैदा हुईं कल्पना चावला महज 20 साल की उम्र में अमेरिका चली गई थीं और दो साल बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (Aerospace Engineering) में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की थी. कल्पना चावला की 19वीं पुण्यतिथि पर उनकी कुछ अनजानी बातों के बारे में जानते हैं.

    -साल 1995 में कल्पना नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुईं और साल 1998 में उन्हें अपनी पहली उड़ान के लिए चुना गया. अंतरिक्ष की पहली यात्रा के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी की. वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला बन गई थीं.

    -अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला कल्पना चावला ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की थी. कल्पना चावला महज 20 साल की उम्र में ही संयुक्त राज्य अमेरिका चली गई थीं और इसके दो साल बाद उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की थी.

    -साल 1962 में हरियाणा के करनाल में पैदा हुईं कल्पना चावला को कविताओं का बेहद शौक था. इसके अलावा वह स्कूल में डांस प्रोग्राम में भी हिस्सा लेती थीं.

    -कल्पना चावला अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं. प्यार से घर में उन्हें मोंटू पुकारा जाता था. कल्पना ने 8वीं क्लास में पढ़ने के दौरान ही अपने पिता से इंजीनियर बनने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उनके पिता की इच्छा थी कि वह डॉक्टर या टीचर बनें.

    -एक बच्चे के रूप में, वह हवाई जहाज और आसमान में उड़ने को लेकर हमेशा रोमांच से भरी रहती थीं. आपको बता दे कि वह अपने पिता के साथ स्थानीय फ्लाइंग क्लब में भी जाया करती थीं.

    -कल्पना चावला की आखिरी इच्छा के तौर पर उनका अंतिम संस्कार अमेरिका के उटाह के सियोन नेशनल पार्क में किया गया था और वहीं उन्हें अंतिम विदाई दी गई थी.

    -उनके निधन के बाद उनके सम्मान में कई विश्वविद्यालयों, छात्रवृत्ति और यहां तक ​​कि सड़कों का नाम उनके नाम पर रखा गया है. किया गया. यूएस स्थित एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी नॉर्थ्रप ग्रुम्मन ने अपने स्पेसशिप का नाम कल्पना चावला रखा है.

    -12 मई 2004 को अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने कल्पना चावला की स्मृति को सम्मानित करने के लिए एक सुपर कंप्यूटर समर्पित किया था. ECCO के फ्रेमवर्क में हाई-रिज़ॉल्यूशन Ocean Analysis देने के लिए SGI Altix 300 सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया था.

    -अंतरिक्ष की पहली यात्रा के दौरान कल्पना चावला ने अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए और पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी की. वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला बन गईं..