Kabul Airport Blasts: काबुल एयरपोर्ट पर दो धमाके – 13 अमेरिकी सैनिक और 60 से ज्‍यादा लोगों की मौत, 140 घायल

    381

    अफगानिस्‍तान में कल गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट के बाहर हुए दो धमाकों में मौत का आंकड़ा बढ़ गया है, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों और 60 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 140 से अधिक लोग घायल हैं. इन घायलों में अमेरिकी सेना के कम से 18 जवान घायल हैं. यह जानकारी गुरुवार को देर रात पेंटागन और अफगानिस्‍तान के अधिकारियों ने दी है. वहीं, इस हमले को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने हमले के जिम्‍मेदारों पर बरसते हुए कहा है कि हम उन्‍हें खोज कर मारेंगे. आपको इसकी कीमत चुकानी होगी.

    कल काबुल एयरपोर्ट के पास के दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधारियों ने भीड़ को निशाना बनाकर हमला किया, जिसकी जिम्‍मेदारी आतंकवादी संगठन आईएसआईएस खुरासान (SIS-Khorasan) ने जिम्‍मेदारी ली है, जिसे ISIS-K के नाम से जाना जाता है.

    हम खोजकर तुम्‍हारा शिकार करेंगे
    यूएस राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने काबुल के हमलावरों को कहा- हम आपको माफ नहीं करेंगे, हम भूलेंगे नहीं. हम खोजकर तुम्‍हारा शिकार करेंगे और तुम्‍हें कीमत चुकानी होगी.

    तालिबान और ISIS के बीच मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं
    अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, “काबुल हवाईअड्डे पर हुए हमलों में तालिबान और इस्लामिक स्टेट के बीच मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं है.

    अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का मिशन जारी रहेगा
    व्हाइट हाउस से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ”हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे. हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा. व्हाइट हाउस के हवाले से एएफपी न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, 14 अगस्त से अब तक अफगानिस्तान से 100,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है.

    अमेरिकी सैनिकों का सम्‍मान करते हैं
    अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन ने कहा- हम 2,300 से अधिक अमेरिकी सेवा सदस्यों का सम्मान करते हैं, जो संघर्ष में 2001 से अफगानिस्तान में मारे गए हैं, 20,000 से अधिक जो घायल हुए हैं, और 800,000 से अधिक जिन्होंने अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध में सेवा की है, साथ ही साथ अन्य अमेरिकी मारे गए या घायल हुए हैं.

    आत्‍मघाती हमले की आशंका थी
    यह विस्फोट ऐसे समय हुआ है, जब अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण के बाद से हजारों अफगान देश से निकलने की कोशिश कर रहे हैं और पिछले कई दिनों से हवाई अड्डे पर जमा हैं. काबुल हवाई अड्डे से बड़े स्तर पर लोगों की निकासी अभियान के बीच पश्चिमी देशों ने हमले की आशंका जताई थी. इससे पहले दिन में कई देशों ने लोगों से हवाईअड्डे से दूर रहने की अपील की थी, क्योंकि वहां आत्मघाती हमले की आशंकर जताई गई थी.

    हमले के पीछे आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट का हाथ
    अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि काबुल हवाई अड्डे के पास हुए हमले के पीछे आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट का हाथ है. इस्लामिक स्टेट समूह तालिबान से अधिक चरमपंथी है और इसने असैन्य नागरिकों पर कई बार हमले किए हैं.

    खौफनाक स्थिति
    जानकारी के मुताबिक, एक हमलावर ने उन लोगों को निशाना बनाकर हमला किया जो गर्मी से बचने के लिए घुटनों तक पानी वाली नहर में खड़े थे और इस दौरान शव पानी में बिखर गए. ऐसे लोग जोकि कुछ देर पहले तक विमान में सवार होकर निकलने की उम्मीद कर रहे थे वो घायलों को एंबुलेंस में ले जाते देखे गए.उनके कपड़े खून से सन गए थे.
    एक अफगानिस्तानी व्यक्ति ने कहा कि काबुल हवाई अड्डे के एक द्वार के बाहर इंतजार कर रही भीड़ के बीच हुए धमाके के बाद उसे कुछ लोग मृत या घायल नजर आए. घटनास्थल के पास मौजूद अदम खान ने कहा कि धमाके के बाद कुछ लोग मृत और घायल नजर आ रहे थे तथा कुछ लोगों के अंगभंग हो गए थे. दूसरा धमाका होटल बारोन के पास हुआ जहां अफगान, ब्रिटिश और अमेरिकी नागरिकों समेत अन्य लोग एकत्र थे जिन्हें देश छोड़ने के लिए हवाईअड्डे पर जाने से पहले हाल के दिनों में यहा ठहराया गया था.

    लोग देश छोड़ने की जल्‍दबाजी में
    पिछले सप्ताह के दौरान इस युद्धग्रस्त देश से निकलने के लिए हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी जैसा माहौल देखने को मिला था. अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबान के क्रूर शासन की आशंका के चलते तमाम लोग देश छोड़ने को आतुर नजर आ रहे हैं. कुछ देश पहले ही अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का अभियान समाप्त कर चुके हैं और अपने सैनिकों और राजनयिकों को निकालना शुरू कर चुके हैं.

    तालिबान ने हमला नहीं करने का संकल्प जताया था
    तालिबान ने तय समयसीमा में निकासी अभियान के दौरान पश्चिमी बलों पर हमला नहीं करने का संकल्प जताया था. हालांकि, यह भी दोहराया है कि अमेरिका द्वारा 31 अगस्त की तय समयसीमा में सभी विदेशी सैनिकों को देश छोड़ना होगा.

    इस्लामिक स्टेट के हमले का अलर्ट था
    इस घटनाक्रम से पहले, ब्रिटिश सरकार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी थी कि इस्लामिक स्टेट (आईएस या आईएसआईएस) के आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में काबुल हवाई अड्डे पर जमा लोगों को निशाना बनाकर हमला किए जाने की ‘बहुत विश्वसनीय’ खुफिया रिपोर्ट है. ब्रिटिश सशस्त्र बल मंत्री जेम्स हेप्पी ने दिन की शुरुआत में बीबीसी से कहा कि ‘बहुत विश्वसनीय’खुफिया सूचना है कि अफगानिस्तान छोड़ने की कोशिश में काबुल हवाई अड्डे पर जमा हुए लोगों पर इस्लामिक स्ट्टेट जल्द ही हमला करने की योजना बना रहा है. पश्चिमी देशों की तरफ से हमले की आशंका जताए जाने के कुछ ही घंटे बाद धमाके हुए.