झारखंड में प्राइवेट लैब के लिए रेट तय, अब सिर्फ 400 रुपये में ही कोरोना की RTPCR जांच होगी

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कोरोना वायरस महामारी के कम होते असर के बीच झारखंड में अब सिर्फ 400 रुपये में ही कोरोना संक्रमण की आरटीपीसीआर जांच होगी। आरटीपीसीआर से कोरोना की जांच कराने के लिए निजी जांच लैब और प्रयोगशालाओं के लिए सरकार ने फिर से एक बार संशोधित दर मंगलवार को तय कर दी है। निजी लैब में अभी तक प्रति सैंपल 800 रुपये तक आरटी पीसीआर से जांच की दर तय थी। निजी जांच प्रयोगशालाएं घर से कोरोना वायरस का सैंपल लेने के लिए अतिरिक्त 200 रुपये ले सकेंगी। इसके साथ ही किसी व्यक्ति की रैपिड एंटीजन टेस्ट से निगेटिव रिपोर्ट आने तथा उसमें कोरोना के लक्षण होने पर आरटी-पीसीआर से जांच अनिवार्य रूप से करानी होगी।

प्राइवेट लैब में आरटी-पीसीआर टेस्ट से कोरोना की जांच अब 400 रुपये में ही होगी। राज्य सरकार ने आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन – पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) से जांच की संशोधित दर तय करते हुए 15 दिनों में ही इसे आधी कर दी है। एक दिसंबर को इस पद्धति से जांच की दर प्रति सैंपल 1,050 रुपये से घटाकर 800 रुपये की गई थी। राज्य सरकार ने जांच किट की कीमतों में लगातार गिरावट तथा समीपवर्ती राज्यों में निर्धारित शुल्क में कमी की समीक्षा के बाद संशोधित दर 400 रुपये तय की है। पिछले दिनों ओडिशा ने जांच की दर 400 रुपये तय की थी।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा संशोधित दर को लेकर जारी आदेश में कहा गया है कि 400 रुपये में पीपीई किट तथा सभी कर भी शामिल हैं। विभाग ने घरों से सैंपल लेने पर अतिरिक्त 200 रुपये दर भी निर्धारित कर दी है। वहीं, एक दिसंबर को अन्य पद्धति से जांच की निर्धारित दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके तहत रैपिड एंटीजन से जांच की दर 150 रुपये यथावत रहेगी। इसी तरह, ट्रूनेट से 1,100 रुपये, सीबीनैट से 2,200 रुपये तथा एलिसा से जांच की दर 250 रुपये भी पहले की तरह लागू रहेगी। सभी प्राइवेट लैब संशोधित दर का प्रदर्शन अनिवार्य रूप से करेंगी। इन सभी निर्देशों का उल्लंघन करने वाली तथा निर्धारित दर से अधिक राशि लेने वाली लैब के विरुद्ध झारखंड राज्य एपिडेमिक डिजीज (कोविड) रेगुलेशन-2020 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

किसी व्यक्ति की रैपिड एंटीजन टेस्ट में निगेटिव रिपोर्ट आने तथा उसमें कोरोना संक्रमण का लक्षण पाए जाने पर उसकी अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर से जांच करनी होगी। राज्य सरकार ने पहली बार इसे अनिवार्य किया है। बता दें कि आरटी-पीसीआर कोरोना की मुख्य और सबसे भरोसेमंद जांच होती है। रैपिड एंटीजन टेस्ट से कई बार संक्रमित होने के बाद भी निगेटिव रिपोर्ट आ जाती है। इसलिए कोरोना लक्षण वाले लोगों की रैपिड एंटीजन टेस्ट से निगेटिव रिपोर्ट आने पर आरटी-पीसीआर से उसकी पुष्टि की जाती है। सरकारी जांच में भी अब रैपिड एंटीजन टेस्ट की बजाए आरटी-पीसीआर तथा ट्रूनेट से जांच पर अधिक जोर दिया जा रहा है।