झारखंड के देवघर में रोपवे हादसे के बाद बचाव कार्य लगातार जारी है. हालांकि, अभी भी तीन लोग रोपवे पर फंसे हुए हैं. इससे पहले, दो ट्रालियों के सटे होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना के Mi-17 हेलिकॉप्टर को लगाया गया है. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि आखिर इतना बड़ा हादसा हो कैसे गया. जिन ट्रॉलियों पर ये हादसा हुआ है, इन ट्रॉलियों के जरिए हर रोज सैकड़ों श्रद्धालु झारखंड की धार्मिक नगरी देवघर के पहाड़ पर बने मंदिरों तक पहुंचते हैं.
बीते रविवार को एक साथ कई ट्रॉलियों को श्रद्धालुओं के साथ रवाना कर दिया गया. अचानक रोप-वे के केबल पर लोड बढ़ गया और एक रोलर टूट गया. चश्मदीदों के मुताबिक रोलर टूटते ही तीन ट्रॉलियां पहाड़ से टकरा गईं-और उनमें से दो ट्रॉलियां लुढ़कर नीचे जा गिरी. ये सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि जब तक कोई कुछ समझ पाता, कई श्रद्धालु ट्रॉलियों से जमीन पर गिर चुके थे.
दो दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन
रोप वे की ट्रॉलियां दो पहाड़ों के बीच फंसी हैं. चारों तरफ पहाड़ियां हैं और नीचे खाई है और बीच में वो लोग फंसे हुए हैं-जो रविवार को ट्रॉलियों में सवार हुए थे. रोप-वे की ट्रॉलियां जमीन से करीब 2500 फीट की ऊंचाई पर है और इतनी ऊंचाई पर अब भी कई लोग फंसे हुए हैं.
रविवार को अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हो पाया था. लेकिन सोमवार को वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए सेना, वायुसेना और NDRF ने मोर्चा संभाला और ये रेसक्यू ऑपरेशन अभी तक चल रहा है. रेस्क्यू टीम के अधिकारियों ने बच्चों को बिस्किट और फ्रूटी देकर बहलाने की कोशिश की, लेकिन खौफ की लकीरें उनके चेहरों पर साफ देखी जा सकती थीं. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक शख्स ने हेलिकॉप्टर से गिरकर अपनी जान भी खो दी.
रोप-वे एक्सीडेंट के बाद हरकत में सरकार
रोप-वे एक्सीडेंट के बाद झारखंड सरकार भी हरकत में आई है. सरकार के पर्यटन मंत्री का कहना था कि रोप-वे चलाने वाली एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा. साथ ही इस हादसे की पूरी जांच करवाई जाएगी और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी. देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री सोमवार को बताया कि मोहनपुर त्रिकुट पर्वत पर रोपवे सफर के दौरान फंसे हुए लोगों को इंडियन एयरफोर्स, इंडियन आर्मी, एनडीआरएफ, आईटीबीपी एवं स्थानीय प्रशासन की टीम द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा हैं.