अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था क्रमिक सुधार की राह पर है, लॉकडाउन से लग सकता है झटका

311

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से सुधार के रास्ते पर है। हालांकि, कोरोना संक्रमण के फिर से बढ़ रहे मामलों को देखते हुए लागू होने वाले लॉकडाउन से सुधार को झटका लग सकता है। आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने एक सम्मेलन में कहा कि कोरोना महामारी के झटकों से उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार की राह पर आगे बढ़ रही है। 2020 की चौथी तिमाही में वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि फिर से सकारात्मक हो सकती है, जो महामारी की शुरुआत के बाद पहली बार होगा। इसकी प्रमुख वजह सकल और स्थिर पूंजी में बढ़ोतरी है।

विश्व बैंक के साथ अगले महीने होने वाली बैठक से पहले राइस ने कहा कि इस साल की पहली तिमाही में पीएमआई (परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) व्यापार और अन्य आंकड़े लगातार सुधार के संकेत दे रहे हैं। हालांकि, कोरोना महामारी की दूसरी लहर और स्थानीय स्तर पर कई शहरों में लॉकडाउन के कारण कुछ जोखिम जरूर पैदा हुए हैं। इसका असर आर्थिक और कारोबारी गतिविधियों पर पड़ सकता है, जिससे सुधार की राह पर चल रही भारतीय अर्थव्यवस्था को झटका लग सकता है। आईएमएफ 6 अप्रैल को विश्व आर्थिक परिदृश्य जारी कर सकता है। 

तेज विकास दर अनुमान 
एजेंसी             विकास दर
फिच               12.8 फीसदी
मूडीज             12 फीसदी
आईएमएफ      11.5 फीसदी
केयर रेटिंग्स     11-11.2 फीसदी
एसएंडपी          11 फीसदी
आरबीआई        10.5 फीसदी

आईएमएफ ने 2021-22 के दौरान भारत की विकास दर 11.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। उसके मुताबिक, महामारी से भारत बुरी तरह प्रभावित हुआ, लेकिन कंपनियों से झटकों से उबरते हुए अब गतिविधियां शुरू कर दी हैं। इसका सकारात्मक असर विकास दर पर देखने को मिलेगा।

मालूम हो कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कर्ज में डूबे पाकिस्तान को 50 करोड़ डॉलर का कर्ज देने को मंजूरी दे दी है। पाक अखबार डॉन ने आईएमएफ के अधिकारियों के हवाले से बताया कि पाक को आने वाले समय में दी जाने वाली यह रकम पहले मंजूर किए गए कर्ज की तीसरी किश्त के तौर पर दी जाएगी। पाकिस्तान को छह अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम की समीक्षा करने के बाद ये फैसला आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने लिया है। हालांकि समीक्षा कई बार टाले जाने के बाद अब जाकर पूरी हुई है। आईएमएफ ने कहा है कि इस कार्यक्रम को जुलाई 2019 में मंजूरी मिली थी।

इससे पहले मूडीज एनालिटिक्स ने यह अनुमान लगाया था कि देश की अर्थव्यवस्था 2021 के कैलेंडर वर्ष में 12 फीसदी की वृद्धि दर्ज करेगी। मूडीज ने कहा था कि पिछले साल 7.1 फीसदी की गिरावट के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की निकट भविष्य की संभावनाएं अधिक अनुकूल हो गई हैं। दिसंबर 2020 को समाप्त तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 0.4 फीसदी रही है। यह प्रदर्शन उम्मीद से कहीं बेहतर है। इससे पिछली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी। मूडीज ने कहा कि अंकुशों में ढील के बाद देश और विदेश की मांग सुधरी है। इससे हालिया महीनों में विनिर्माण उत्पादन बढ़ा है।